* इस्ट एंड वेस्ट कोरिडोर परियोजना पर नाच रही मौत
गोपालगंज : भादो में कहीं एनएच 28 बंद न हो जाये. गुजरात के गांधी नगर से असम के सिलचर तक को जोड़ने वाली इस्ट एंड वेस्ट को–रीडोर परियोजना यहां खतरे में है. वाहन चालक कब दुर्घटना काशिकार हो जाये कहना मुश्किल है. सड़क पूरी तरह से तालाब में तब्दील हो गयी है, जिसके कारण जगह– जगह जाम से वाहन चालक कराह रहे हैं. हर दिन कहीं– न –कहीं सड़क दुर्घटना हो रही है.
एनएच की दुर्दशा को लेकर एनएचएआइ तमाशाबीन बने हुए हैं. एनएच की मरम्मत के नाम पर करोड़ों रुपये की बंदरबांट हुई. आज तक मरम्मत का काम नहीं हुआ. भाजपा के विधायक सुभाष सिंह ने पटना उच्च न्यायालय में जनहित याचिका भी दाखिल की, लेकिन कोर्ट के फटकार के बाद भी कोई असर नहीं हुआ. जिला पार्षद ओमप्रकाश सिंह के नेतृत्व में अब मंत्री को घेरने की तैयारी चल रही है.
* तालाब बनी सड़क
इस्ट एंड वेस्ट को–रीडोर का सपना चकनाचूर हो गया है. सड़क पर हर तरफ तालाब बन गये हैं. हल्की बारिश होते ही इन गड्ढों में पानी भर जाता है, जिसके कारण ट्रक चालकों को अंदाजा नहीं मिलता कि गड्ढा कितना है. यात्री वाहन बड़ी मुश्किल से पार कर पाते हैं.
* डायवर्सन बना डेथ प्वाइंट
एनएच 28 पर पीसीएल कंपनी ने जहां तहां डायवर्सन को डेथ प्वाइंट बना कर छोड़ दिया है.शहर के अरार चौक के पास बनाये गये डायवर्सन सबसे खतरनाक है. यहां हर सप्ताह दुर्घटना होती रहती है. ठीक इसी तरह बंजारी चौक से चैन पटी तक सड़क और डायवर्सन दोनों खतरनाक है, जबकि सासामुसा में पुल बनाने के लिए डायवर्सन बनाया गया. कच्च छोड़ दी गयी. उसी तरह कुचायकोट के करमैनी रेलवे ढाला के पास डायवर्सन को कच्च छोड़े जाने से आये दिन जाम की स्थिति बनी रहती है.
* झील बना एनएच 28
एनएच 28 पर कोइनी बाजार के समीप हल्की बारिश होते ही एनएच झील के रूप में तब्दील हो जाती है. सड़क पर डेढ़ से दो फुट पानी जमा रहता है, जिसके कारण यहां ट्रक और भारी वाहन पार करते ही फंस जाते हैं और दिन भर जाम से लोग जूझते रहते हैं.
* लाइलाज है एनएच पर जाम की स्थिति
एनएच पर चारों तरफ तालाब और जजर्र होने के कारण जाम की स्थिति लाइलाज बीमारी बन गयी है. इसकी मरम्मत के लिए 4.25 रुपये का टेंडर आवंटन हुआ.राशि का उठाव भी हुआ, लेकिन मरम्मत का काम कागज में ही हुआ. नतीजा है कि हर पल मौत सड़क पर चलने वालों पर मंडरा रही है. जिला प्रशासन की तमाम कोशिश नाकाम हो गयी है. यहां तक की संवेदक के एक रिश्तेदार को डीएम ने हिरासत मे भी रखवाया था, फिर भी मरम्मत का काम नहीं हुआ.
* एनएचएआइ को पूरे मामले की रिपोर्ट भेजी गयी है. यहां अब एक भी मौत हुई तो इसकी जिम्मेदार एनएच एआइ होगी .
कृष्ण मोहन, डीएम ,गोपालगंज