-रुद्र महायज्ञ में शंकराचार्य को सुनने उमड़ी भीड़ फोटो न.21- मुहम्मदपुर में प्रवचन करते संत.महम्मदपुर. मातृ-दूध का कर्ज कोई चुकता नहीं कर सकता है. मां ममतामयी होती है, अपना कर्तव्य करती. पुत्र भले कुपुत्र हो जाये, परंतु उसका ममत्व पुत्र पर बना रहता है. उक्त बातें सिधवलिया प्रखंड के बरहिमा में बनारस से आये संत शंकराचार्य ने कही. उन्होंने कहा कि मां बेटे को पाल-पोश बड़ा कर देती है और विवाह के समय बरात निकलने के पूर्व विधि अनुसार अपने स्तन को अपने दूल्हे बने बेटे के मुंह में स्पर्श करती है, ऐसा क्यों. जवाब नहीं मिलने पर शंकराचार्य बताते हैं कि मां बेटे के पैदा होने के उपरांत अपने स्तन को बच्चे के मुंह में दूध पिलाती है, बड़ा होने के उपरांत शादी के समय बहुत बड़ा कर्ज छोड़ देता है, वही याद उसे छाती से सटा कर बताती है कि पराई को अपनाने के उपरांत कहीं मुझे तुम भूल ना जाओ और मेरा तिरस्कार ना करो. यही इस विधि का तात्पर्य है.
BREAKING NEWS
पुत्र कुपुत्र हो जाये, लेकिन माता कुमाता नहीं
-रुद्र महायज्ञ में शंकराचार्य को सुनने उमड़ी भीड़ फोटो न.21- मुहम्मदपुर में प्रवचन करते संत.महम्मदपुर. मातृ-दूध का कर्ज कोई चुकता नहीं कर सकता है. मां ममतामयी होती है, अपना कर्तव्य करती. पुत्र भले कुपुत्र हो जाये, परंतु उसका ममत्व पुत्र पर बना रहता है. उक्त बातें सिधवलिया प्रखंड के बरहिमा में बनारस से आये संत […]
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement