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असुरक्षित हैं अस्पताल में तैनात सिपाही

गोपालगंज : सदर अस्पताल की सुरक्षा रिटायर्ड की स्थिति में पहुंच चुके सिपाहियों के भरोसे है. सुरक्षा -व्यवस्था लचर होने के कारण आये दिन शरारती तत्व उत्पात मचाते हैं. अस्पताल में तैनात सिपाही शरारती तत्वों का सामना करने के बदले भाग जाते हैं. ऐसे में चिकित्सक और मरीजों को फजीहत का सामना करना पड़ता है. […]

गोपालगंज : सदर अस्पताल की सुरक्षा रिटायर्ड की स्थिति में पहुंच चुके सिपाहियों के भरोसे है. सुरक्षा -व्यवस्था लचर होने के कारण आये दिन शरारती तत्व उत्पात मचाते हैं. अस्पताल में तैनात सिपाही शरारती तत्वों का सामना करने के बदले भाग जाते हैं.
ऐसे में चिकित्सक और मरीजों को फजीहत का सामना करना पड़ता है. रात में सबसे अधिक महिला वार्ड में भरती महिलाएं अपने को असुरक्षित महसूस करती हैं. मरीजों के साथ मारपीट और लूटपाट की घटनाएं आम बात हो गयी हैं. लेकिन, पुलिस के साथ मारपीट हो और उन पर जानलेवा हमला कर घायल कर दिया जाये, यह सुरक्षा के लिहाजा से गंभीर मामला है. दरअसल, सदर अस्पताल में जिन सिपाहियों को तैनात किया गया है, वे खुद असुरक्षित मान रहे हैं.
सिपाहियों की उम्र करीब 50 से 55 वर्ष की है. ठंड में ड्यूटी करने के बजाय अपने आवास में आराम फरमाते देखे जा सकते हैं. शनिवार को सदर अस्पताल में स्मैकरों के द्वारा पुलिस टीम पर किये गये हमले ने सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है. हालांकि नगर इंस्पेक्टर संजीव कुमार ने शरारती तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है.
निजी सुरक्षा गार्ड की नहीं हुई तैनाती : सदर अस्पताल में आये दिन हो रही तोड़फोड़ की घटना और लचर सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने निजी सुरक्षा गार्ड के हवाले सुरक्षा की कमान सौंपने का निर्णय लिया था. इसको लेकर सिविल सजर्न के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग ने बैठक कर रिपोर्ट तैयार की थी. अनुमति के लिए डीएम कृष्ण मोहन को फाइल सौंपी गयी. लेकिन, आज तक निजी सुरक्षा गार्ड तैनात करने की योजना पूरी नहीं हो सकी है. फाइलों में कागजों तक ही सुरक्षा व्यवस्था सिमट गयी.
रात में जवान नहीं करते स्कॉर्ट : सदर अस्पताल में वैसे तो होमगार्ड के 10 जवान और एक दारोगा तैनात किये गये हैं. सुरक्षा को लेकर होमगार्ड के जवानों और पुलिस अधिकारी को कई निर्देश दिये गये हैं. यहां तक की रात में स्कॉर्ट करने तथा इमरजेंसी वार्ड में तैनात रहने का निर्देश दिया गया है. लेकिन, यहां अधिकारियों के आदेश का पालन सुरक्षा गार्ड नहीं करते. रात में स्कॉर्ट नहीं किया जाता. इसके कारण शरारती तत्व आये दिन अस्पताल में घटनाओं को अंजाम देते हैं.

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