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गांव में पसरा मातमी सन्नाटा

मधुबनी में उठी दो पड़ोसियों की अरथियांमधुबनी (बरौली) : यहां पूरा गांव स्तब्ध था हर जगह मातमी सन्नाटा पसरा है. गुरुवार की सुबह से किसी का चूल्हा नहीं जला. अक्सर पुरुष सदस्य पड़ोसियों के लिए निकल गये एकाएक दोपहर को ज्योहीं दो व्यक्तियों का शव पहुंचा मातमी सन्नाटे को उठती चीत्कार ने भेद डाला. प्रखंड […]

मधुबनी में उठी दो पड़ोसियों की अरथियां
मधुबनी (बरौली) : यहां पूरा गांव स्तब्ध था हर जगह मातमी सन्नाटा पसरा है. गुरुवार की सुबह से किसी का चूल्हा नहीं जला. अक्सर पुरुष सदस्य पड़ोसियों के लिए निकल गये एकाएक दोपहर को ज्योहीं दो व्यक्तियों का शव पहुंचा मातमी सन्नाटे को उठती चीत्कार ने भेद डाला. प्रखंड के मधुबनी गांव के शिक्षक सहित दो व्यक्तियों की मौत की खबर ज्योहीं गांव में पहुंचा ग्रामीण स्तब्ध रह गये.

बता दें कि दो लोगों की मौत बैकुंठपुर थाना क्षेत्र में हो गयी थी. घटना की खबर पर ग्रामीण घटना स्थल की ओर प्रस्थान कर गये. दोपहर में जब एक साथ एक ही गांव में दो शव पहुंचा तो पूरा गांव चिख चीत्कार से गमगीन हो गया. गुरुवार को यहां एक साथ दो अरथियां निकली. उस समय मृतक के परिजनों की चीत्कार प्रत्येक ग्रामीण की आंखे डबडबा गयी. मृतक के परिजनों में कोहराम मचा हुआ है.

मृतकों में हीरा लाल यादव पंचायत शिक्षक थे तो नकेसर महतो मजदूरी करके अपना परिवार चलाता था. गम में डूबे ग्रामीणों ने बताया कि यह पहली दफा है, जब एक साथ दो अरथी इस गांव से निकली है. मधुबनी गांव के हर शख्स की आंखे डबडबायी हुई है.

वर्ष 2011 में हीरालाल बना था शिक्षक

गरीबी से जुझते हीरालाल को जब उम्र के तीसरे पड़ाव में शिक्षक की नौकरी मिली तब परिवार को गरीब से निजात मिलने की उम्मीद जगी थी, लेकिन महज ढाई साल में सड़क दुर्घटना में हुई मौत के बाद परिवार की सारी उम्मीदे टूट गयी. हीरालाल बतौर पंचायत शिक्षक 10 फरवरी 2011 को मध्य विद्यालय लोहजिरा मे योगदान किया था. महज ढाई वर्ष नौकरी कर वह असमय काल के गाल में समा गया.

पति की मौत से बेसुध हुई छठी

अब के हो सहारा कटकह छठी देवी चिखते हुए बेहोश हो जाती है. पति के मौत की मनहूस खबर उसे रात में ही मिल गयी थी. शव आते ही हीरालाल की पत्नी छठी देवी के चीख से माहौल गमगीन हो गया. 18 वर्षीय बेटी सविता और 10 वर्षीय बेटी कविता की आंखों का आंसू थमने का नाम न ले रहा है. पति के गम में पत्नी और पिता के गम में बेटियों को रो- रो कर हाल खराब है.

परिवार के अर्निग मेंबर थे हीरालाल

शिक्षक हीरालाल का परिवार अत्यंत ही गरीब हैं परिवार का बोझ अकेले हीरालाल चलाता है. अभी उसकी दो बेटियों की शादी करनी है. इकलौटे बेटे धमेंद्र की वह शादी कर चुका हैं. बेटा मनरेगा में मजदुर हैं. अब बाप की मौत के बाद परिवार की सारी जिम्मेवारी धमेंद्र पर आ गयी हैं. अचानक पिता की मौत से वह अपना सुझ बुझ खो बैठा हैं.

शोक मना कर बंद हुआ स्कूल

हिरालाल बहुत ही मिलनसार और बच्चों के बीच प्यारे शिक्षक थे. हीरालाल के मौत की खबर ज्योही लोहिजरा मध्य विद्यालय में पहुंचा शिक्षक से लेकर बच्चे तक गम में डूब गये. कोई समझ ही नहीं पा रहा था कि कल तक वर्ग में ज्ञान के दीप बांटने वाले सर आज दुनियां में नही हैं. छात्र छात्राओं तथा शिक्षकों ने शोक मना कर विद्यालय बंद कर दिया तथा सभी उनके गांव चले गये.

सुनैना की चीत्कार से थर्राया मधुबनी

पति की मौत से पत्नी सुनैना देवी अपने बेटियों सहित चीत्कार उठी. हर समझाने वाले से सुनैना पूछती अब उनका सहारा कौन होगा. नकेसर महतो मजदूरी कर किसी तरह से अपना परिवार चलाता था.

वह बेटी की शादी कर चुका है. दूसरी बेटी रिंकी पिपरा हाई स्कूल में 9 वी की छात्र है. सड़क दुर्घटना में मौत के बाद नकेसर के चिंता की अग्नी तो बुझ चुकी है लेकिन सुनैना के परिवार में एक आग धधक रहा हैं. कैसे चलेगा परिवार की गाडी कौन बनेगा सहारा

बाला पुल बना हादसे का गवाह

बैकुण्ठपुर : एनएच 101 पर स्थित बाला पुल हादसे का गवाह बन कर रह गया है.
अनियंत्रित पीक अप वैन की चपेट में आये बाइक सवार पुल के अंदर समा गये, जिससे उनकी मौत हो गयी. दो लोगों की मौत से पूरा इलाका मर्माहत हैं. इस घटना ने लोगों को झकझोर कर रख दिया है.
– मंटू तिवारी –

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