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आठ दिनों से बंद है छितौना मध्य विद्यालय

आखिर इन बच्चों के भविष्य का क्या होगासंवाददाताभोरेविजयीपुर के छितौना मध्य विद्यालय में मध्यान्न भोजन एवं प्रभार के लिए आंदोलित ग्रामीणों ने पिछले आठ दिनों से विद्यालय को बंद करा रखा है. विभाग के अधिकारी अभी तक वहां पहुंचने की जहमत तक नहीं उठाये है. ऐसे में यहां पढ़ रहे छात्रों के भविष्य को लेकर […]

आखिर इन बच्चों के भविष्य का क्या होगासंवाददाताभोरेविजयीपुर के छितौना मध्य विद्यालय में मध्यान्न भोजन एवं प्रभार के लिए आंदोलित ग्रामीणों ने पिछले आठ दिनों से विद्यालय को बंद करा रखा है. विभाग के अधिकारी अभी तक वहां पहुंचने की जहमत तक नहीं उठाये है. ऐसे में यहां पढ़ रहे छात्रों के भविष्य को लेकर ना अधिकारी, ना ग्रामीण और ना ही प्रधान शिक्षिका रागिनी कुमारी को फिक्र है. सब अपने जिद और रसुख में इस तरह मशगुल है कि अपने शह और मात की चिंता में लगे है. बच्चों की पढ़ाई की फिक्र किसी को नहीं. विजयीपुर प्रखंड के उ म वि छितौना काफी समय समय से विवादों में रहा है. नियमित शिक्षक आने के बावजूद नियोजित प्रभारी प्रधान शिक्षिका रागिनी कुमारी मलाईदार पद नहीं छोड़ना नहीं चाहती. सरकारी आदेश के बाद भी अब तक उन्होंने नियमित शिक्षक को प्रभार नहीं दिया. जिसके कारण एमडीएम दो माह से बंद पड़ा है. अपने बच्चों का हक मारते देख, स्थानीय ग्रामीण अंतत: उग्र हो गए और उन्होंने जो माध्यम चुना. वह उनके ही बच्चों के भविष्य पर प्रभाव डाल रहा है. ग्रामीण अपने जिद पर विद्यालय को बंद कर रखे है. प्रधान शिक्षिका प्रभार नहीं दे रही और सबकी दृष्टी जिस शासन की ओर है. उसके अधिकारियों को शायद बच्चों के भविष्य की चिंता तक नहीं. यही कारण है कि आठ दिनों से बंद पड़े विद्यालय के हालात को जानने की कोशिश तक विभाग द्वारा नहीं की गई. अब सवाल यह उठता है कि विद्यालय के इस राजनीति में जीत जिसकी हो, पर क्या बच्चे हार नहीं रहे? बच्चों के भविष्य से बड़ा क्या इनका जिद है. अगर यही स्थिति रही तो छितौना के बच्चों का भविष्य अंधकार में जाना निश्चित है.

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