गोपालगंज : मतदाता सत्यापन के दौरान बीएलओ लोगों से आधार मांग रहे हैं, जिससे उनके सामने तरह-तरह की कठिनाइयां सामने आ रही हैं. कहीं आधार कार्ड नहीं है तो ज्यादातर मतदाता आधार कार्ड देने से कन्नी काट रहे हैं. जो सीधे कुछ नहीं बोलना चाहते हैं तो आधार नहीं है का बहाना बना देते हैं. या फिर बोल देते हैं कि उनका आधार कार्ड कहीं खो गया है.
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आधार के चक्कर में उलझा वोटरों का सत्यापन
गोपालगंज : मतदाता सत्यापन के दौरान बीएलओ लोगों से आधार मांग रहे हैं, जिससे उनके सामने तरह-तरह की कठिनाइयां सामने आ रही हैं. कहीं आधार कार्ड नहीं है तो ज्यादातर मतदाता आधार कार्ड देने से कन्नी काट रहे हैं. जो सीधे कुछ नहीं बोलना चाहते हैं तो आधार नहीं है का बहाना बना देते हैं. […]
सच तो यह है कि उनमें आधार कार्ड के दुरुपयोग होने का डर समाया है. वोटरों के सत्यापन के लिए आधार के अलावे 10 अन्य दस्तावेज भी मान्य हैं. वोटर सत्यापन कार्य को 15 अक्तूबर तक पूरा कराने का आदेश राज्य निर्वाचन आयोग के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एचआर श्रीनिवासन ने दिया है.
आधार नहीं है तो इन दस्तावेजों से कराएं सत्यापन: आप अगर आधार नहीं देना चाहते है तो भी घबराने की जरूरत नहीं है. इसके बदले आप पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, राशन कार्ड, सरकारी या गैर सरकारी संस्थानों से जारी परिचय पत्र, बैंक पासबुक, किसान पहचान पत्र, बिजली या टेलीफोन बिल देकर सत्यापन करा सकते हैं.
बीएलओ पर धौंस जमाकर आधार नहीं दे रहे : कुचायकोट विधानसभा क्षेत्र में रिटायर्ड अधिकारी रामानंद त्रिपाठी तो कई जिलों में अधिकारी भी रह चुके हैं. उन्हें पता है कि निर्वाचन आयोग की ओर से सत्यापन हो रहा है, फिर भी उन्हें डर है.
इस तरह कई अन्य स्थानों पर भी लोग बीएलओ पर धौंस जमाकर आधार नहीं दे रहे हैं. यही वजह है कि मतदाता सत्यापन का कार्य काफी पिछड़ गया है. एक सितंबर से शुरू यह कार्य पूरे माह होना था, लेकिन तब मात्र पांच फीसदी ही वोटर वेरीफिकेशन का कार्य हो सका था. इसके बाद इसकी तारीख बढ़ा दी गयी. अब 15 अक्तूबर तक सत्यापन का कार्य होना है.
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