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अगले सत्र से मिलें नहीं खरीदेंगी गन्ना

गोपालगंज : आप गन्ना किसान हैं तो जरा सावधान हो जाएं. अगर खेत में रिजेक्टेड वेराइटी के गन्ने लगा रहे हैं तो आपकी खैर नहीं है. चीनी मिलों ने रिजेक्टेड वेराइटी का गन्ना अगले सत्र से खरीदने पर रोक लगा दी है. रिजेक्टेड वेराइटी के गन्ने से चीनी मिलों को घाटे का सामना करना पड़ […]

गोपालगंज : आप गन्ना किसान हैं तो जरा सावधान हो जाएं. अगर खेत में रिजेक्टेड वेराइटी के गन्ने लगा रहे हैं तो आपकी खैर नहीं है. चीनी मिलों ने रिजेक्टेड वेराइटी का गन्ना अगले सत्र से खरीदने पर रोक लगा दी है. रिजेक्टेड वेराइटी के गन्ने से चीनी मिलों को घाटे का सामना करना पड़ रहा है. सिधवलिया चीनी मिल के द्वारा तो इस वर्ष 28 फरवरी तक खरीदे गये गन्ने का भुगतान किसानों को नहीं दिया गया है. रिजेक्टेड वेराइटी के गन्ना किसानों को फजीहत का सामना करना पड़ रहा है.
इस पर रोक लगाने के लिए डीएम अनिमेष कुमार पराशर की तरफ से सभी चीनी मिलों को फ्री में चालान देने का निर्देश दिया गया था, ताकि रिजेक्टेड वेराइटी के गन्ने को गिराकर किसान उत्तम प्रभेद के गन्ने की बोआई कर सके. प्रशासन की सख्ती के बाद भी सिधवलिया चीनी मिल ने सिर्फ बैलगाड़ी के चालान को फ्री किया. उसके बाद चीनी मिल के गेट पर किसानों को हंगामा करना पड़ा.
कम लागत में अधिक लाभ उठाएं किसान
डीएम अनिमेष कुमार पराशर ने बताया कि चीनी मिल की पेराई व किसानों को भुगतान कराना प्राथमिकता है. किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए किसानों से अपील की गयी है कि वे रिजेक्टेड वेराइटी का गन्ना लगाने से परहेज करें, ताकि उन्नत किस्म के गन्ने से उन्हें अधिक लाभ मिले.
उत्तम प्रभेद के गन्ने से किसान होंगे मालामाल
एक एकड़ खेत में रिजेक्टेड वेराइटी का गन्ना अगर किसान लगाते हैं तो उसमें 150 से 200 क्विंटल ही उत्पादन हो पाता है, जबकि उत्तम प्रभेद का गन्ना लगाने से एक एकड़ में 450 से 500 क्विंटल तक की उपज अनुमानित है. इतना ही नहीं रिजेक्टेड वेराइटी के गन्ने का मूल्य प्रति क्विंटल 265 रुपये है, जबकि उत्तर प्रभेद के गन्ने का मूल्य 310 रुपये प्रति क्विंटल है. यानी एक क्विंटल पर 55 रुपये का घाटा किसान उठा रहे हैं. बोआई में लागत बराबर है.
चीनी मिलें उपलब्ध करा रहीं उत्तम प्रभेद के बीज
चीनी मिलें अपने रिजर्व एरिया के किसानों के लिए उत्तम प्रभेद का बीज उपलब्ध करा रही हैं. विष्णु शूगर मिल के महाप्रबंधक पीआरएस पाणिकर की मानें तो किसान अपनी आवश्यकता के अनुरूप फैक्टरी के गन्ना विभाग से संपर्क कर उत्तम प्रभेद का बीज ले सकते हैं. दादनी पर बीज, जैविक खाद तथा यंत्र उपलब्ध कराया जा रहा है. किसानों को तकनीकी जानकारी भी दी जा रही है. किसानों से अपील की गयी है कि वे रिजेक्टेड वेराइटी के गन्ना की बोआई न करें.
कैसे हो रहा चीनी मिल को नुकसान
चीनी मिल के तकनीकी जानकार बताते हैं कि रिजेक्टेड वेराइटी के एक क्विंटल गन्ने की पेराई करने पर मिल को आठ से नौ फीसदी रिकवरी होती है, जबकि उत्तम प्रभेद के गन्ने की पेराई से 11 से 12 फीसदी की रिकवरी होती है. इसके कारण रिजेक्टेड वेराइटी के गन्ने की पेराई कर फैक्टरी को प्रति क्विंटल तीन से चार फीसदी रिकवरी की क्षति हो रही है.
चीनी मिलों ने स्पष्ट तौर से कह दिया है कि अगले वर्ष से किसी भी कीमत पर रिजेक्टेड वेराइटी का गन्ना नहीं खरीदेंगे. रिजेक्टेड वेराइटी में 91269, 147, बीओ 1010, टीओपी 2061, सीओ 0233 को शामिल किया गया है, जबकि जेनरल वेराइटी में सीओ 233 तथा 2061 को शामिल किया गया है.
एक नजर में उत्तम प्रभेद का गन्ना
उत्तम प्रभेद में कृषि वैज्ञानिकों ने सीओ 118, सीओ 238, टीओपी 9301 को ही किसानों को लगाने की सलाह दी जा रही है.

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