गोपालगंज : स्टेट बैंक के कृषि विकास शाखा में हुए कृषि गोल्ड लोन का फर्जीवाड़ा अधिकारियों की गले की हड्डी बनता जा रहा है. उधर बैंक के स्तर पर इंटरनल जांच लगभग पूरा हो चुकी है. एजीएम एस सिन्हा कैंप कर पिछले दो दिनों से रेकॉर्ड खंगाल रहे है. फर्जीवाड़े में लिप्त अधिकारियों की बयान को दर्ज किया गया है. अब रीजनल स्तर पर स्थानीय बैंक अधिकारियों की टीम गठित कर एक-एक लोन को जमा कराने का प्रयास किया जा रहा है. बैंक के अधिकारी ऋणियों के घर जाकर उनसे लिये गये ऋण को जमा करवाने के प्रयास में हैं. इंटरनल जांच में स्पष्ट हो चुका है कि बिचौलियों की मजबूत सेटिंग में अधिकारी थे,
जो नियमों को ताख पर रखकर कृषि गोल्ड लोन देते चले गये. बैंक में बिचौलियों का कब्जा था. अब अधिकारियों के इंटरनल जांच में सबकुछ साफ होने लगा है. बैंक सूत्रों की माने तो इंटरनल जांच में कई ऐसे ऋणी पाये गये है, जिन्हें खाने तक का ठिकाना नहीं है, उनके पास सोना कहा से आया. स्पष्ट होने लगा है कि मुरलीवाला मार्केंट में मनमोहन गहना लोक के प्रोपराइटर सतीश कुमार प्रसाद ने बैंक के बिचौलियों की सेटिंग पर नकली सोना ऋणियों को उपलब्ध कराया और बैंक में मूल्यांकन भी खुद किया और सभी सोना को शुद्धता की प्रमाणपत्र भी दिया.