डेंगू का डंक. कुचायकोट के बिंदवलिया गांव में दहशत में पीड़ित परिवार
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एक की मौत, 55 बीमार
डेंगू का डंक. कुचायकोट के बिंदवलिया गांव में दहशत में पीड़ित परिवार बिंदवलिया (गोपालगंज) : कुचायकोट प्रखंड के बिंदवलिया गांव में डेंगू जानलेवा बन गया है. डेंगू से पीड़ित श्रीराम मिश्रा की मौत के बाद पूरा गांव दहशत में है. गांव में करीब 55 लोग डेंगू से पीड़ित हैं. इनमें कई लोगों की हालत गंभीर […]
बिंदवलिया (गोपालगंज) : कुचायकोट प्रखंड के बिंदवलिया गांव में डेंगू जानलेवा बन गया है. डेंगू से पीड़ित श्रीराम मिश्रा की मौत के बाद पूरा गांव दहशत में है. गांव में करीब 55 लोग डेंगू से पीड़ित हैं. इनमें कई लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है. डेंगू से पीड़ित आलोक कुमार, सुनील कुमार, शालिनी कुमार के परिजनों ने बताया कि गांव में डेंगू से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से अबतक कोई ठोस पहल नहीं की गयी. इसके कारण डेंगू का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है.
परिजनों ने बताया कि कुचायकोट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व सदर अस्पताल में डेंगू की जांच के लिए व्यवस्था नहीं है. स्वास्थ्य विभाग के पास डेंगू की जांच के लिए कीट भी नहीं है. मृतक श्रीराम के परिजनों ने बिंदवलिया गांव में मेडिकल टीम को कैंप करने की मांग की है. बिंदवलिया में बीमार हुए लोगों का लगातार प्लेटलेट्स गिर रहा है. ऐसे में स्थानीय स्तर पर इलाज नहीं हो पा रहा है. पीड़ित मरीजों को पीएचसी और सदर अस्पताल से रेफर कर दिया जा रहा है. जान बचाने के लिए पीड़ित परिजन मेडिकल कॉलेज की ओर भाग रहे हैं. ब्लड की कमी के कारण भी परिजन परेशान हैं.
गांव में पहुंचे स्वास्थ्यकर्मी भी बीमार : बिंदवलिया गांव में पीड़ित मरीजों की जांच करने डॉक्टर के साथ पहुंचे स्वास्थ्यकर्मी भी बीमारी के चपेट में आ गये हैं. जिला मलेरिया विभाग की टीम तीन दिन पूर्व बिंदवलिया गांव में पहुंची थी. मच्छरों का प्रकोप को देख कर फॉगिंग करायी. फॉगिंग के बाद घर लौटे कर्मी बीमार हो गये. मलेरिया विभाग बीमार कर्मियों का ब्लड सैंपल भी जांच करा रहा है.
डेंगू के लक्षण
तेज बुखार आना एवं लगातार बुखार को बने रहना.
शरीर में चमकी होना
दांत पर दांत बैठना
पूरे शरीर या किसी खास अंग में ऐंठन होना
बच्चे का सुस्त होना
चिंउटी काटने पर शरीर में कोई हरकत नहीं होना
बीमारी से बचाव के उपाय
बिस्तर पर मच्छरदानी का प्रयोग करना चाहिए
शरीर को ढकने वाले कपड़े पहने मच्छरों के काटने से बचा सके
गर्मी के दिनों में बच्चों को ओआरएस का घोल पिलाना चाहिए यदि ओआरएस का घोल नहीं हो तो नीबू पानी अवश्य पिलाना चाहिए
बगीचे में गिरे हुए जूठे फल बच्चों को नहीं खाना चाहिए
नहीं मिला लक्षण
अबतक किसी भी मरीज में डेंगू का पॉजिटिव लक्षण नहीं मिला है. बीमारी, अलग किस्म की लग रही है. स्वास्थ्य टीम बिंदवलिया में पहुंची है, लेकिन किसी ने जांच नहीं करायी. एक-दो मरीजों का सैंपल से लिया गया है. विशेषज्ञों की टीम बीमारी के लक्षण की पहचान करने में जुटी है.
डॉ चंद्रिका साह , जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डीएमओ
करायी जा रही जांच
बिंदवलिया गांव के मामले की जांच कराने का आदेश दिया गया है. जरूरत पड़ने पर बाहर से भी विशेषज्ञों की टीम बुलायी जायेगी. एहतियात तौर पर कुचायकोट के पीएचसी प्रभारी को अलर्ट किया गया है.
डॉ अशोक कुमार चौधरी, सीएस, गोपालगंज
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