गोपालगंज : बैकुण्ठपुर प्रखंड के सिंहासिनी गांव में स्वच्छता अभियान मिशन के तहत कैंडल मार्च का आयोजन किया जाना था,लेकिन समन्वयक आलोक कुमार ने ढिबरी मार्च करा दिया. केरोसिन तेल से भरी ढिबरी में अचानक आग लग गयी, जिसमें एक आशा कार्यकर्ता सहित दो छात्र झुलस गये. झुलसे लोगों को स्थानीय पीएचसी में इलाज के लिए भर्ती कराया गया जहां एक कि हालत नाजुक को देख गोपालगंज सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया. घटना गुरुवार देर शाम की बतायी जा रही है. बैकुंठपुर थाने के सिंहासनी गांव में मशाल जुलूस के दौरान आग से झुलसकर आशा सुनीता देवी समेत तीन झुलस गये. आग लगते ही अफरा-तफरी मच गयी. उधर, घायलों को लेकर लोग जब ग्रामीण बैकुंठपुर अस्पताल पहुंचे, तो वहां डॉक्टर नहीं थे. काफी इंतजार करने के बाद डॉक्टर के नहीं पहुंचने पर लोगों का गुस्सा फुट पड़ा. लोग आक्रोशित होकर हंगामा करने लगे.
स्थिति विस्फोटक हो गयी. मौके पर पहुंचे बीडीओ निभा कुमारी, प्रमुख प्रतिनिधि प्रदीप यादव, इंस्पेक्टर संजय कुमार, मखिया सुनील सिंह, कतालपुर के मुखिया उपेंद्र साह ने स्थिति को नियंत्रित किया. उसके बाद पहुंचे डॉक्टर ने प्राथमिक उपचार के बाद पीड़ित बच्चों में हरिहर शरण गिरि के बेटे बिट्टू कुमार को चिंताजनक हालत में पीएमसीएच रेफर कर दिया है. जबकि दिघवा दुबौली दक्षिण पंचायत की बीडीसी मुन्ना देवी के पुत्र गोलू कुमार का इलाज स्थानीय अस्पताल में चल रहा है. घटना तब हुई जब शौचालय निर्माण के लिए स्वच्छता अभियान के तहत जागरूकता मशाल जुलूस गांव में निकाला गया था. अगलगी की घटना के बाद जुलूस में भगदड़ मच गई.
घटना के संबंध में आशा सुनीता देवी ने बैकुंठपुर थाने में स्वच्छता अभियान के कोऑर्डिनेटर आलोक कुमार, मोटिवेटर गुड्डू सिंह तथा मुकेश कुमार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी है. दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि उक्त तीनों लोग आशा के यहां दोपहर में गये और जागरूकता को लेकर मशाल जुलूस निकालने की बात कही. जुलूस में छोटे-छोटे बच्चों को भी शामिल कर लिया गया. जलती मशाल के लौ पर केराेसिन छिड़क दिया गया था, जिससे मशाल की आग बेकाबू हो गयी और दोनों बच्चे और सुनीता आग से झुलस गये. आग से झुलसे गोलू और सुनीता अभी अस्पताल में इलाजरत है. उधर, इलाके के लोगों में इस घटना को लेकर काफी आक्रोश देखा जा रहा.
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