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ऑनलाइन शॉपिंग करने के शौकीन हो जाएं सतर्क, ग्राहकों का डाटा बेच रही हैं नामी-गिरामी कंपनियां

आप जिस नामी-गिरामी ऑनलाइन शॉपिंग करनेवाली कंपनियों से सामान की खरीदारी कर रहे हैं, वे कंपनियां आपका संबंधित डाटा साइबर गिरोह से जुड़े अपराधियों के हाथों बेच रही हैं.

गया. ऑनलाइन शॉपिंग करने के शौकीन व इच्छुक उपभोक्ता सतर्क हो जाएं. आप जिस नामी-गिरामी ऑनलाइन शॉपिंग करनेवाली कंपनियों से सामान की खरीदारी कर रहे हैं, वे कंपनियां आपका संबंधित डाटा साइबर गिरोह से जुड़े अपराधियों के हाथों बेच रही हैं.

इसका खुलासा शुक्रवार को एसएसपी आदित्य कुमार व मीडिया के सामने पूछताछ के दौरान गिरफ्तार साइबर गिरोह के सरगना ने एसएसपी कार्यालय में किया.

गया जिले के मगध विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र के रहनेवाले सरगना ने बताया कि लोगों के खाते से रुपये उड़ाने, खाते से ऑनलाइन शॉपिंग के नाम रुपये उड़ाने, पुरस्कार में सोने का सिक्का निकलने सहित अन्य प्रकार के हथकंडे का प्रयोग को लेकर सबसे पहले डाटा एकत्र किया जाता है.

लोगों का पता, मोबाइल फोन व अकाउंट नंबर सहित अन्य प्रकार की जानकारियां उन्हें कई प्रकार की एजेंसियों के माध्यम से नामी-गिरामी ऑनलाइन शॉपिंग करनेवाली कंपनियों से मिल जाती हैं.

इसके बदले में उन्हें रुपये देने होते हैं. सरगना ने बताया कि नामी-गिरामी ऑनलाइन शॉपिंग करनेवाली कंपनियों के द्वारा एक व्यक्ति का डाटा दिये जाने पर उन्हें 25 रुपये भुगतान पड़ता है.

उसने बताया कि इसमें कई बैंकों के अधिकारी भी शामिल हैं, जो अपने-अपने बैंकों से खातेदारियों से संबंधित पूरा डाटा उपलब्ध करा देते हैं. खातेदार का पता व अकाउंट नंबर, मोबाइल फोन नंबर सहित अन्य जानकारियां उन्हें मिल जाती है. इसके बाद वे लोगों से ठगी करने का काम मोबाइल फोन के जरिये शुरू कर देते हैं.

दूसरे राज्यों के युवकों को करते हैं शामिल

सरगना ने बताया कि लोगों को मोबाइल फोन पर बेवकूफ बनाने के लिए बिहार, यूपी, दिल्ली सहित हिंदी भाषी राज्यों के छोड़ कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना व तमिल सहित साउथ के राज्यों के युवकों को शामिल करते हैं. साउथ के राज्यों के युवकों की बोली व टोन अलग तरीके से होती है, इससे मोबाइल फोन पर भोले-भाले लोग आसानी से उनकी बातें पर विश्वास कर लेते हैं.

मास्टरमाइंड है रोशन

एसएसपी ने मीडिया को बताया कि पुलिस की गिरफ्त में आनेवाले युवकों का मास्टरमाइंड रोशन कुमार है, जो पीपुल्स यूनिवर्सिटी भोपाल (मध्य प्रदेश) से बीटेक की पढ़ाई करता था. बाद में वह इंजीनियरिंग की पढ़ाई छोड़ कर ऑनलाइन ठगी के कारोबार से जुड़ गया. एसएसपी ने बताया कि गिरफ्तार युवकों में हर कोई अलग-अलग धंधे से ठगी करने में जुटा था.

इस गिरोह में शामिल युवकों का एक टीम ऐसा था जो ग्राहकों को एक लिफाफा में स्कैच कूपन व पंपलेट डालकर पोस्ट कर देता था. ग्राहकों के द्वारा जब कूपन स्कैच करता था, तो उसे समझ में आता था कि उन्हें कोई लॉटरी लगी है. स्क्रैच कूपन पर दिये गये मोबाइल फोन नंबर पर लोग कॉल करते थे.

संबंधित ग्राहक जिस राज्य और भाषा को समझनेवाला होता था, उसकी भाषा के अनुसार टीम के विभिन्न सदस्य उन्हें बात करता था. इसके बाद स्क्रैच कूपन में गिफ्ट व लॉटरी होने की बात कर उनसे ऑनलाइन पैसा मंगाता था. रकम प्राप्त करने के लिए ये नवादा से खरीदे गये बैंक पासबुक और एटीएम आदि का इस्तेमाल करता था.

रेस्टहाउस को किया गया सील

एसएसपी ने बताया कि बोधगया के जिस रेस्ट हाउस से साइबर गिरोह से जुड़े अपराधियों की गिरफ्तारी व काफी मात्रा में सामान की बरामदगी हुई है, उससे स्पष्ट है कि रेस्ट हाउस के मालिक को इस गोरखधंधे के बारे में काफी कुछ जानकारी थी. उसे यह भी जानकारी था कि रेस्ट हाउस में ठहरनेवाले युवक उनके यहां करीब पांच-छह महीने ठहरेंगे.

लेकिन, इससे संबंधित जानकारी रेस्ट हाउस के द्वारा संबंधित थाने की पुलिस को भी नहीं दी गयी. इस मामले में संबंधित रेस्ट हाउस को फिलहाल अंचलाधिकारी की मौजूदगी में सील कर दिया गया है. वहीं, रेस्ट हाउस का मालिक फरार है. रेस्ट हाउस के मालिक के विरुद्ध भी प्राथमिकी दर्ज की गयी है.

Posted by Ashish Jha

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