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हम बच्चों काे मां, मिट्टी और भाषा से दूर कर रहे : अरुण

गया: गया जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन भवन में हिंदी दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसकी अध्यक्षता सम्मेलन के सभापति गोवर्द्धन प्रसाद सदय ने की. उन्होंने कहा कि हिंदी दिनों-दिन आगे बढ़ रही है. केवल हमें अगली पीढ़ी को सतर्क करने की जरूरत है. आज दुनिया के कई देशों में हिंदी पढ़ाई जा रही […]

गया: गया जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन भवन में हिंदी दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसकी अध्यक्षता सम्मेलन के सभापति गोवर्द्धन प्रसाद सदय ने की. उन्होंने कहा कि हिंदी दिनों-दिन आगे बढ़ रही है. केवल हमें अगली पीढ़ी को सतर्क करने की जरूरत है. आज दुनिया के कई देशों में हिंदी पढ़ाई जा रही है. विदेशों में भारतीयों की पहचान हिंदी से है. डॉ मंजू शर्मा ने कहा कि हम गर्व से कहे कि हम हिंदी वाले हैं. हम हिंदी के साथ रोज जीते हैं.
हमें हिंदी के गलत प्रयोगों को रोकना चाहिए. मिर्जा गालिब कॉलेज के उप प्राचार्य प्रो अरुण कुमार प्रसाद ने इस बात पर दुख व्यक्त किया कि हम आज अपने बच्चों को मां, मिट्टी व भाषा से दूूर कर रहे हैं और उन्हें अंगरेजी की जंजीर में जकड़ दे रहे हैं. हिंदी हमारी माता के समान है.

हमें इसका सम्मान करना चाहिए. सरवर खां ने हिंदी की हिमायत की और कहा-हम सभी भारतवासी हिंदी वाले हैं. डॉ मुनि किशोर सिंह ने हिंदी दिवस पर हिंदी प्रेमियों से अपील की कि वे मन में संकल्प ले कि हर वर्ष एक-दो अहिंदी भाषी को हिंदी सिखलायेंगे. इनके अलावा रामावतार सिंह, बैजू सिंह, शिव प्रसाद सिंह मुखियाजी, अन्नपूर्णा श्रीवास्तव ने भी हिंदी के ऊपर अपने बहुमूूल्य विचार रखे. उपस्थित कवियों ने कविताओं का पाठ किया. इसमें गीतकार संजीत कुमार, मुद्रिका सिंह, चंद्रदेव प्रसाद केसरी, प्रो अरुण कुमार प्रसाद, खालिक हुसैन परदेशी आदि ने कविता पाठ किया़ इस मौके पर वासुदेव प्रसाद, नवीन नवनीत, अटल जी, डॉ ब्रजराज मिश्र, मणिलाल आत्मज, मानवजी, सुरेंद्र सिंह सुरेन्द्र, अखिलेश्वर, उपेंद्र सिंह, राजेंद्र राज, विजय कुमार सिन्हा आदि उपस्थित थे. कार्यक्रम का संचालन सुमंत ने किया.

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