उन्होंने गुजरात का उदाहरण दिया व कहा कि केंद्र में मंत्री की कुरसी पर बैठे कई नेता दलितों की हिमायत करते हैं, पर दलितों के अपमान पर चुप्पी साध लेते हैं.
उन्होंने केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान, सांसद चिराग पासवान सहित रामदास अठावले पर निशाना साधते हुए कहा कि इन घटनाओं के बाद सभी अपने-अपने पदों से त्यागपत्र क्यों नहीं देते? उन्होंने कहा कि गोधरा कांड के बाद तत्कालीन केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन अब पूरे देश में दलितों को अपमानित किया जा रहा है, तो त्यागपत्र क्यों नहीं दे रहे हैं? विधायक ने कहा कि वर्ष 2000 में आरएसएस के संयोजक रहे अशोक कुमार जैन ने सुप्रीम कोर्ट में दलित आरक्षण समाप्त करने को लेकर याचिका दायर की थी. यह संविधान के साथ छेड़छाड़ है. इसे कभी बरदाश्त नहीं किया जायेगा. उन्होंने कहा कि पूरे देश में दलितों के खिलाफ हो रहे अत्याचार व आरक्षण को समाप्त करने की कोर्ट में दायर याचिका के खिलाफ जल्द ही पूरे बिहार में आंदोलन शुरू करनेवाले हैं. इस मौके पर विधायक के साथ जिला कांग्रेस कमेटी के वरीय उपाध्यक्ष राम प्रमोद सिंह व अन्य मौजूद थे.