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बच्चे की मौत के मामले में फंसे डॉक्टर बाप-बेटे

गया: इलाज में लापरवाही बरतने व गलत दवा देने से चार वर्षीय बच्चे की मौत के लिए जिम्मेवार ठहराते हुए मृत बच्चे के पिता प्रमोद कुमार ने कोतवाली थाने में डॉ विमल भदानी व उनके पिताडॉ उमानाथ भदानी के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराया है. मुफस्सिल थाना क्षेत्र के भदेजी के रहनेवाले प्रमोद कुमार ने एफआइआर […]

गया: इलाज में लापरवाही बरतने व गलत दवा देने से चार वर्षीय बच्चे की मौत के लिए जिम्मेवार ठहराते हुए मृत बच्चे के पिता प्रमोद कुमार ने कोतवाली थाने में डॉ विमल भदानी व उनके पिताडॉ उमानाथ भदानी के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराया है. मुफस्सिल थाना क्षेत्र के भदेजी के रहनेवाले प्रमोद कुमार ने एफआइआर के लिए दिये आवेदन में कहा है कि वह चार वर्षीय बेटे अंशराज की तबीयत खराब होने पर 24 मई को डॉ विमल भदानी के दवाखाना लेकर गये थे.

इसके बाद अंशराज की बगैर जांच किये ही डॉ भदानी ने मलेरिया की दवा रेजिज लिख दी व पूरी शीशी की दवा पिलाने को कहा. दवा पिलाने के बाद बच्चे की तबीयत और बिगड़ने लगी व अंशराज का पेट भी फूलने लगा. इसके बाद 25 मई को वह बेटे को लेकर पुन: डॉ विमल भदानी के पास गये, पर उनके पिता डॉ उमानाथ भदानी ने बच्चे को देखा और कहा कि बच्चे को नर्सिंग होम में ही भरती करना पड़ेगा. डॉ उमानाथ भदानी के कहने पर 25 मई की रात में अंशराज को नर्सिंग होम में भरती करा दिया और दवा भी चलायी गयी, लेकिन कोई सुधार नहीं दिखा.

प्रमोद कुमार ने यह भी लिखा है कि उन्होंने रात में कंपाउंडर से बार-बार आग्रह किया कि डॉक्टर साहब को बच्चे को देखने के लिए कहिए. पर, कंपाउंडर ने गाली-गलौज के साथ ही मारपीट की. रात भर उनका बेटा परेशान रहा, लेकिन डॉ उमानाथ भदानी देखने नहीं आये. 26 मई की सुबह डॉ विमल भदानी ने बच्चे की हालत देख कर पटना रेफर कर दिया. इसके बाद किराये के एंबुलेंस से अंशराज को पटना के लिए ले जा रहे थे, लेकिन रास्ते में ही बेटे ने दम तोड़ दिया. प्राथमिकी के लिए दिये आवेदन में प्रमोद कुमार ने लिखा है कि बच्चे की मौत के बाद उन्होंने परिचित अन्य डॉक्टरों व इंटरनेट के माध्यम से रेजिज दवा के बारे में जानकारी ली, तो पता चला कि बगैर जांच रिपोर्ट के यह दवा नहीं देना चाहिए, जबकि जांच रिपोर्ट में अंशराज में मलेरिया बीमारी के लक्षण नहीं थे. इस कारण डॉक्टरों की लापरवाही के कारण उनके बेटे की जान चली गयी. प्रमोद कुमार ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए दोनों चिकित्सकों पर कानूनी कार्रवाई करने का अनुरोध किया है. कोतवाली थाने के इंस्पेक्टर निहार भूषण ने बताया कि मामला दर्ज कर लिया गया है.

संबंधित दवा व बच्चे के इलाज के लिए लिखे गये डॉक्टर के पुर्जे के आधार पर बीमारी के बारे में जानकारी प्राप्त की जा रही है. उधर, डॉ विमल भदानी ने बताया कि बीमारी के हिसाब से ही दवा दी गयी थी. दवा का एक्शन व रिएक्शन दोनों हो सकता है, पर रेजिज दवा के कारण संभवत: बच्चे की मौत नहीं हुई होगी. वैसे, एक्सपर्ट पैनल से जांच कराने के बाद ही इस बारे में कुछ भी कहा जा सकता है.

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