गया: डीड राइटर उमेश चंद्र सिन्हा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर उनको जेल भेजने के विरोध में बुधवार को बिहार दस्तावेज नवीस संघ के सैकड़ों लोग सड़क पर उतर आये और सिविल लाइंस थाने के बाहर प्रदर्शन किया व नारेबाजी की. संघ ने डीड राइटर के विरुद्ध दर्ज करायी गयी झूठी प्राथमिकी को वापस लेने की मांग की.
बिहार दस्तावेज नवीस संघ के लोगों ने बताया कि 13 जनवरी की शाम करीब तीन बजे से डीड राइटर को पुलिस ने हिरासत में लिया. शहर में दुर्गा बाड़ी मुहल्ले में स्थित डीड राइटर के निजी कार्यालय व माड़नपुर-बाइपास स्थित उनके आवास पर छापेमारी की. डीड राइटर के निजी कार्यालय से न तो जाली स्टांप पकड़े गये और न ही गैर कानूनी कागजात.
डीड राइटर उमेश चंद्र सिन्हा करीब 11 वर्ष पहले जिला निबंधक कार्यालय में रजिस्ट्रेशन कराया था. तब से उनकी छवि हमेशा स्वच्छ रही. इसके बावजूद अपनी वाहवाही कराने के लिए गया पुलिस के वरीय अधिकारियों ने जिला अवर निबंधक सुकुमार झा पर दबाव देकर डीड राइटर के विरुद्ध जबरन प्राथमिकी दर्ज करायी और उनको जेल भेज दिया. उधर, जिला अवर निबंधक भी खुलेआम कह रहे हैं कि पुलिस के वरीय अधिकारियों ने उनसे डीड राइटर के विरुद्ध जबरन प्राथमिकी दर्ज करायी है. डीड राइटर को कोर्ट से जरूर न्याय मिलेगा. दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा. मौके पर सचिव विनोद शर्मा, सह सचिव नीरज कुमार सिन्हा, अजय कुमार अम्बष्ट, कार्यालय मंत्री रेवती रमन सिन्हा, अविनाश कुमार, मोहम्मद ईनामउद्दीन आदि शामिल थे.
45-50 लाख का नुकसान
डीड राइटर उमेश चंद्र सिन्हा को जेल भेजने के विरोध में बुधवार को जिले के निबंधन कार्यालयों में सन्नाटा पसरा रहा. गया शहर व अनुमंडल मुख्यालयों में स्थित निबंधन कार्यालयों में एक भी रजिस्ट्री नहीं हुई. इससे करीब 40-50 लाख रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है. यह जानकारी जिला अवर निबंधक सुकुमार झा ने दी. उन्होंने ने कहा कि इसकी सूचना वरीय अधिकारियों को दे दी गयी है.