गया:आज के दौर में बच्चों को प्रारंभिक दौर से ही हाइटेक शिक्षा देने की जरूरत है. माध्यमिक व उच्चतर माध्यमिक के बाद ही छात्रों के भविष्य निर्माण का टर्निंग प्वाइंट होता है. इसके बाद ही विद्यार्थियों को सही मार्गदर्शन की आवश्यकता पड़ती है. ये बातें बीपीएससी के पूर्व निदेशक डॉ राधामोहन सिंह ने वेलोसिटी कैरियर इंस्टीट्यूट द्वारा माध्यमिक व उच्चतर माध्यमिक पास विद्यार्थियों के लिए आयोजित सफल कैरियर पर आयोजित सेमिनार को संबोधित करते हुए रविवार को फियेस्टा रिसोर्ट में कहीं. डॉ प्रसाद ने कहा कि शहर तो क्या ग्रामीण इलाकों में भी शिक्षा की पद्धति में व्यापक बदलाव आया है.
गांव-गांव में प्राइवेट संस्थानों में व्यावसायिक शिक्षा पर प्रारंभिक दौर से ध्यान दिया जा रहा है. ऐसे में कई संस्थान बेहतर काम कर रहे हैं. इस मौके पर इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ रणधीर कपूर ने कहा कि संस्थान द्वारा ग्रामीण इलाकों के बच्चों को भी प्रोत्साहित करने के लिए अलग से क्लास की व्यवस्था की गयी है.
ग्रामीण इलाके से आनेवाले विद्यार्थियों में भी हुनर की कमी नहीं होती पर, संसाधन के अभाव में वे सफलता पाने से वंचित रह जाते हैं. प्रतियोगी दौर में सफलता के लिए कंप्यूटर व अन्य संसाधनों से शिक्षा की आवश्यकता प्रारंभिक दौर से ही पड़ती है. उन्होंने कहा कि हर क्षेत्र में सफल होने के लिए विद्यार्थी की मेहनत व सही मार्गदर्शक की जरूरत होती है. इसके बल पर विद्यार्थी हर सफलता को पा सकते हैं. सेमिनार में माध्यमिक व उच्चतर माध्यमिक पास विद्यार्थियों ने भाग लिया.