बोधगया: सासाराम से कोलकाता ले जाये जा रहे लगभग 1100 कछुओं को जीटी रोड पर आमस थाने की पुलिस ने जब्त कर लिया. सभी कछुए 17 बोरे में रख कर एक स्कॉर्पियो से कोलकाता ले जाये जा रहे थे. पुलिस ने कछुए के साथ ही स्कॉर्पियो के ड्राइवर दीपंकर कर्मकार को भी गिरफ्तार कर लिया है. मंगलवार को मगध विश्वविद्यालय थाना परिसर में एसएसपी निशांत कुमार तिवारी ने बताया कि यह एक तस्कर गिरोह का नियमित धंधा है. पुलिस का कहना है कि ड्राइवर के सहारे तस्करों तक पहुंचा जायेगा. रविवार की रात सासाराम से कछुओं से लदा एक वाहन (स्कार्पियो) रवाना हुआ था. रास्ते में आमस में गम्हरिया के पास गाड़ी खराब हो गयी.
थानाध्यक्ष के अनुसार, स्कॉर्पियो से बदबू आने की सूचना गांव के लोगों ने सोमवार को पुलिस को दी. इसके बाद स्कॉर्पियो की जांच की गयी. कछुए बरामद हुए. पकड़े गये ड्राइवर ने बताया कि वह बंगाल के नदिया जिले में हरिणघाटा का है. किसी अजरुन नाम के व्यक्ति ने उसे दो हजार रुपये प्रतिदिन की पारिश्रमिक पर सिर्फ गाड़ी चलाने के लिए साथ रखा था. गाड़ी को हावड़ा तक पहुंचाना था.
पुलिस को देख वह गाड़ी के पास से खिसक गया. गाड़ी में 17 बोरे में सभी कछुए रखे गये थे. हर बोरे में लगभग 65 कछुए थे. डीएफओ नेशमणि ने बताया कि यह धंधा वन्य जीव संरक्षण के तहत कानूनन अपराध है.उन्होंने बताया कि तस्कर कछुए को कोलकाता से म्यांमार तक भेजते हैं. इसका मांस खाने के काम आता है.
इसके ऊपरी कवच का उपयोग दवा बनाने में होता है. उन्होंने बताया कि सभी जब्त कछुए को कहीं पानी में डाल दिया जायेगा. वैसे, खबर लिखे जाने तक सभी कछुए जिंदा थे. इस बीच पता चला है कि रोज जीटी रोड से गुजरते कुछ वाहनों में कछुए ले जाये जाते हैं. श्री नेशमणि ने बताया कि पहले भी 2005 में सासाराम, 2009 में गया व 2011 में बाराचट्टी से भी कछुए की खेप जब्त की गयी थी. एसएसपी के साथ सिटी एसपी चंदन कुशवाहा, एमयू थानाध्यक्ष ओमप्रकाश अरुण व आमस थानाध्यक्ष धनंजय कुमार भी मौजूद थे.