गया: विधानसभा चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के मामले को लेकर मगध प्रमंडल के पांचों जिलों के विभिन्न थानों में दर्ज हुए एफआइआर के निबटारे को लेकर पुलिस महकमा काफी गंभीर है. इन कांडों में जल्द से जल्द कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कराने को लेकर सरकार ने एडीजी (विधि व्यवस्था) आलोक राज को नोडल प्रभारी बनाया है.
इसी मामले को लेकर एडीजी बुधवार को गया पहुंचे और एसएसपी कार्यालय में मगध रेंज डीआइजी रत्न संजय, गया एसएसपी गरिमा मलिक व सिटी एसपी रविरंजन कुमार, औरंगाबाद एसपी बाबूराम, जहानाबाद एसपी आदित्य कुमार, नवादा एसपी विकास वर्मन व अरवल एसपी रंजीत मिश्र के साथ बैठक की और आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन से संबंधित एफआइआर के मामले में आवश्यक दिशा-निर्देश दिये. एडीजी ने कहा कि थानों में लंबित कांडों की सूची पहले से ही काफी अधिक हैं.
एक-एक प्रकार के कांडों से संबंधित एफआइआर की समीक्षा अपने अधीनस्थ डीएसपी व इंस्पेक्टरों के साथ करें. लंबित कांडों की संख्या में कमी आयेगी. उन्होंने विधानसभा के दौरान पांचों जिलों के थानों में दर्ज की गयी एफआइआर में अब तक आइओ (इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर) द्वारा की गयी कार्रवाई की जानकारी लेते हुए कहा कि अगले वर्ष पंचायत चुनाव होनेवाले हैं. पंचायत चुनाव के शुरू होने के पहले आदर्श आचार संहिता के तहत दर्ज प्राथमिकियों में जांच-पड़ताल कर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करें. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि एक माह बाद पुन: इस मामले की समीक्षा रिपोर्ट मांगी जायेगी. कांडों को लंबित रखनेवाले आइओ के विरुद्ध ठोस कार्रवाई की जायेगी. हर हाल में पंचायत चुनाव के पहले तक उक्त मामलों को निबटारा कर दें.
डीआइजी व अरवल एसपी को एडीजी ने दी शाबाशी : समीक्षा के दौरान एडीजी ने पाया कि अरवल जिले में आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन मामलों में दर्ज सभी मामलों की जांच कर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी गयी है. इस मामले में शत-प्रतिशत उपलब्धि को लेकर एडीजी ने अरवल एसपी रंजीत मिश्र को शाबाशी देते हुए उनकी कार्यकुशलता की प्रशंसा की. इस दौरान एडीजी ने डीआइजी रत्न संजय को बेहतर मॉनीटरिंग करने को लेकर उन्हें बधाई दी और कहा कि वह पूरे राज्य में आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन मामले में दर्ज एफआइआर की समीक्षा कर रहे हैं. मगध रेंज के पांचों जिलों में इन कांडों को निबटरा करने का अनुपात अन्य जिलों की तुलना में सबसे अच्छा है.