लेकिन, स्वास्थ्य विभाग के सचिव ने डॉक्टर समेत चिकित्सा कर्मचारियों का डेपुटेशन रद्द कर दिया है. इसी आदेश के आलोक में डेपुटेशन पर कार्यरत सभी तीन तकनीशियनों को विरमित कर दिया गया है. रेडियोलॉजी विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, सामान्य स्थिति में रेडियोलॉजी विभाग में हर माह औसतन दो हजार एक्स-रे, डेढ़ हजार अल्ट्रासोनोग्राफी व 350 सीटी-स्कैन किये जाते हैं. करीब ढाई माह से अल्ट्रासोनोग्राफी बंद है. अब एक्स-रे की भी समस्या हो सकती है.
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मेडिकल कॉलेज के रेडियोलॉजी पर ग्रहण !
गया: राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग के सचिव आनंद किशोर के आदेश से मगध मेडिकल कॉलेज के रेडियोलॉजी विभाग पर ग्रहण लग सकता है. विभाग में डेपुटेशन पर कार्यरत सभी तीन तकनीशियनों को अस्पताल अधीक्षक डॉ सुधीर कुमार सिन्हा ने विरमित कर दिया है. अब वहां मात्र दो तकनीशियन ही शेष रह गये हैं. इनके […]
गया: राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग के सचिव आनंद किशोर के आदेश से मगध मेडिकल कॉलेज के रेडियोलॉजी विभाग पर ग्रहण लग सकता है. विभाग में डेपुटेशन पर कार्यरत सभी तीन तकनीशियनों को अस्पताल अधीक्षक डॉ सुधीर कुमार सिन्हा ने विरमित कर दिया है. अब वहां मात्र दो तकनीशियन ही शेष रह गये हैं. इनके भरोसे सातों दिन तीन पालियों में एक्स-रे, अल्ट्रासोनोग्राफी व सीटी-स्कैन की सुविधा मरीजों को मुहैया कराना कैसे संभव होगा? यह अलग बात है कि मशीन खराब रहने के कारण करीब ढाई माह से अल्ट्रासोनोग्राफी बंद है.
उल्लेखनीय है कि रेडियोलॉजी विभाग में तकनीशियन के पांच व डार्क रूम असिस्टेंट का एक पद स्वीकृत है. वर्तमान में मात्र दो ही तकनीशियन पदस्थापित हैं. अन्य सभी सेवानिवृत्त हो चुके हैं. लेकिन, अब तक नियुक्ति नहीं की जा सकी है. ऐसे में डेपुटेशन से काम चलाया जा रहा था.
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