गया: पितृपक्ष मेले के 10 दिन गुजर गये. शुक्रवार को आश्विन कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि तक गयाधाम में एक अनुमान के मुताबिक चार लाख तीर्थयात्री आ चुके हैं. आने-जाने का सिलसिला अब भी जारी है. इस दौरान रोज पड़ रहे पिंड के बाद शाम को पिंडवेदियों की साफ-सफाई व धुलाई ठीक ढंग से नहीं होने के कारण अब पिंडवेदियों खास कर विष्णुपद मंदिर प्रांगण में स्थित सोलह वेदी व अन्य वेदियों के पास से दरुगध आने लगी है. इससे फिसलन भी बढ़ गयी है.
फिसलन से कई तीर्थयात्री गिर रहे हैं. हालांकि, भीड़ की वजह से लोग गिरनेवालों को थाम ले रहे हैं. दरुगध के कारण अब पिंडवेदियों के आसपास बैठना मुश्किल होने लगा है. विष्णुपद मंदिर के अंदर संवास सदन समिति व विष्णुपद मंदिर प्रबंधकारिणी समिति साफ-सफाई व तीर्थयात्रियों के लिए अन्य सुविधाओं का प्रबंध कराती है.
पिंडों की सफाई के लिए कर्मचारी लगे हैं, पर उमड़े जनसैलाब व हजारों पत्तलों व थालियों से गिराये जा रहे पिंड की सफाई करना पिंडदान के समय मुश्किल हो रहा है. तीर्थयात्रियों के बैठे होने या रहने की वजह से झाड़ू भी नहीं लगाया जा सकता. शुक्रवार को इतनी भीड़ थी कि मंदिर के मुख्य द्वार समेत अन्य जगहों पर खड़ा होना भी मुश्किल था. हालांकि, प्रशासन की कोशिश से अब भिखारी तीर्थयात्रियों को रास्ता चलते तंग नहीं कर रहे हैं.
वे सड़क के किनारे लाइन में बैठ कर भीख मांग रहे हैं. मंदिर से बाहर सफाई व्यवस्था भी पहले की अपेक्षा सुधरी है. घाटों व पिंडवेदियों पर सफाई का इंतजाम दिख रहा है. लेकिन, अब भी कई नलों से पानी नहीं आ रहा. प्यासे या हाथ-पैर धोने गये तीर्थयात्रियों को नल के चालू नहीं होने की स्थिति में यूं ही रहना पड़ रहा है. स्थानीय लोग, पंडा व तीर्थयात्रियों की माने, तो सूर्यकुंड से लेकर पंच मुहल्ला की ओर लगी वेपर लाइट शोभा की वस्तु बन कर रह गयी है. रात में रोशनी नहीं दे रही. यात्रियों को इसे कई तरह की परेशानी ङोलनी पड़ रही है.