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हमारी धरोहर.. हमें ही करनी है रक्षा

गया: यह शहर हमारा है, यहां की ऐतिहासिक और धार्मिक धरोहरें हमारी हैं, इनका संरक्षण हमारी जिम्मेवारी है. लोगों के बीच इसी संदेश के साथ इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज (इनटेक) जल्द ही शहर में अपना नया चैप्टर (शाखा) खोलेगा. हेरिटेज सिटी प्रोजेक्ट ‘हृदय’ को सपोर्ट करने के उद्देश्य से संस्थान शहर […]

गया: यह शहर हमारा है, यहां की ऐतिहासिक और धार्मिक धरोहरें हमारी हैं, इनका संरक्षण हमारी जिम्मेवारी है. लोगों के बीच इसी संदेश के साथ इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज (इनटेक) जल्द ही शहर में अपना नया चैप्टर (शाखा) खोलेगा. हेरिटेज सिटी प्रोजेक्ट ‘हृदय’ को सपोर्ट करने के उद्देश्य से संस्थान शहर में आ रहा है.

इनटेक शहर के लोगों के साथ मिल कर ही शहर के तमाम ऐतिहासिक व धार्मिक धरोहरों के संरक्षण पर पहल करेगा. संस्था के चैप्टर में 25 लोगों का एक दल होगा. ये लोग शहर के ही होंगे. हेरिटेज सिटी प्रोजेक्ट में भी इसका योगदान होगा.

इनटेक को जानें
इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज की स्थापना 27 जनवरी 1984 में हुई. संस्था का मुख्य उद्देश्य धरोहरों का संरक्षण है. संस्था का मानना है कि अपनी धरोहरों के साथ जीना निश्चित तौर पर हमारे जीने के स्तर को और भी बेहतर करता है. इसी उद्देश्य के साथ संस्था ने देश में अब तक 31 शहरों में अपना चैप्टर खोला है. बिहार में संस्था का पहला चैप्टर 1985 में पटना में खुला. इसके बाद 2015 में वैशाली में संस्था ने अपना चैप्टर शुरू किया. अब इनटेक गया के साथ-साथ भागलपुर, नालंदा, राजगीर, सीतामढ़ी व दरभंगा में भी अपने नये चैप्टर शुरू करने की तैयारी कर रहा है.
गया स्वयं एक धरोहर : इनटेक
गया इनटेक के राज्य सह संयोजक अरुण कुमार प्रभात ने बताया कि विश्व के मानचित्र पर गया स्वयं एक धरोहर है. संस्था यहां धरोहरों के संरक्षण के लिए कामकाज करने का बहुत पहले से प्लानिंग कर रही थी, इसी बीच गया को हेरिटेज सिटी के तौर पर घोषित किया गया. संस्था जल्द ही यहां अपना नया चैप्टर शुरू करेगी. श्री प्रभात ने बताया कि चैप्टर 25 सदस्यों का होता है. इसमें सभी लोग उसी शहर के होते हैं. जिले के वरीय पदाधिकारियों के साथ बैठक कर टीम गठित की जायेगी. उन्होंने बताया कि स्थानीय लोगों की टीम होने से यहां की धरोहरों व उनकी महत्ता की पूरी जानकारी मिल सकेगी. इससे धरोहरों के संरक्षण की योजना प्रभावी तरीके से काम कर सकेगी.

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