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पढ़ाने का वक्त ही नहीं

बोधगया: बोधगया में शिक्षकों की कमी से छात्रओं की पढ़ायी प्रभावित हो रही है. मात्र 12 शिक्षकों के भरोसे प्रोजेक्ट कन्या प्लस टू उच्च विद्यालय की दो हजार छात्राएंशिक्षा ग्रहण करने में जुटी हैं. शिक्षकों को पढ़ायी के साथ ही कर्मचारी का काम भी करना पड़ता है. कभी पंजीकरण का काम, तो कभी उनके फॉर्म […]

बोधगया: बोधगया में शिक्षकों की कमी से छात्रओं की पढ़ायी प्रभावित हो रही है. मात्र 12 शिक्षकों के भरोसे प्रोजेक्ट कन्या प्लस टू उच्च विद्यालय की दो हजार छात्राएंशिक्षा ग्रहण करने में जुटी हैं. शिक्षकों को पढ़ायी के साथ ही कर्मचारी का काम भी करना पड़ता है. कभी पंजीकरण का काम, तो कभी उनके फॉर्म भरने के काम में व्यस्त शिक्षकों के पास पढ़ाने का वक्त कम ही मिल पाता है. बच्चे आते हैं, क्लास में बैठते हैं पर, शिक्षकों की कमी के कारण प्रतिदिन दो से तीन क्लास की हो पाता है. इतना ही नहीं कंप्यूटर, प्रयोगशाला व खेलकूद के लिए भी शिक्षकों के पास समय नहीं होता.

कमरों की भी है कमी
विद्यालय में कुल 18 कमरे हैं. इसमें प्रयोगशाला के लिए दो, खेलकूद सामग्री व जिम के लिए एक व एक कमरे में कंप्यूटर लैब बनाया गया है. 14 वर्ग कक्षों में 1945छात्राओंको पढ़ायी की व्यवस्था की गयी है. हरेक रूम में 144 (एक सेक्शन) छात्रओं को बैठ कर शिक्षा ग्रहण करने की व्यवस्था है.

शौचालय ठीक नहीं
निरंजना नदी के किनारे पर स्थित कन्या विद्यालय को बाहरी तत्वों से सुरक्षित रखने के लिए अब तक नदी की ओर से चहारदीवारी का निर्माण नहीं कराया गया है. लड़कियां हमेशा नदी की ओर से आशंकित रहती है. शौचालय की बात करें, तो यहां नौ सीट वाला शौचालय है. इसे छात्रओं के साथ ही महिला व पुरुष शिक्षकों के लिए उपयोग किया जा रहा है. हालांकि, पुरुष शिक्षकों को ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

विभाग को लिखा है पत्र
विद्यालय की प्राचार्या डॉ विजया ने बताया कि उन्हें योगदान किये 45 दिन ही हुआ है. पर पूर्व के प्राचार्य द्वारा विभाग को शिक्षकों, कमरे व चहारदीवारी सहित अन्य जरूरी सुविधाओं को पूरा करने के लिए पत्र लिखा जा चुका है. प्राचार्या ने कहा कि शिक्षकों की कमी से पढ़ायी तो बाधित होती ही है, प्रयोगशाला व कंप्यूटर सहित खेलकूद कराने का काम भी प्रभावित होता है. उन्होंने छात्रओं की उपस्थिति को 75 प्रतिशत से ज्यादा बताते हुए कहा कि कमरे की कमी से एक कमरे में क्षमता से काफी अधिक छात्रओं को बैठना पड़ता है. इतनी छात्रओं के लिए एक मात्र लिपिक हैं व दो आदेशपाल.

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