बोधगया. उच्चतम न्यायालय द्वारा राज्य सरकारों को वेंडर जोन बनाने के दिये गये निर्देश का अनुपालन नहीं किये जाने के खिलाफ 26 मई को मुख्यमंत्री का घेराव-सत्याग्रह किया जायेगा. इसमें ऑल इंडिया वेंडर फेडरेशन से जुड़े फुटपाथी दुकानदार, जिसमें महिला व पुरुष दोनों शामिल होंगे.
वेंडर जोन बनाने में राज्य सरकारों द्वारा बरती जा रही कोताही पर सवाल उठाते हुए शनिवार को नेशनल हॉकर फेडरेशन (एनएचएफ) के राष्ट्रीय महामंत्री शक्तिमान घोष ने प्रेस वार्ता में कहा कि वेंडर जोन बनाने में बिहार, उत्तर प्रदेश व पश्चिम बंगाल की सरकारें सबसे पीछे हैं. उन्होंने कहा कि इस मामले में जम्मू-कश्मीर सबसे आगे है. उन्होंने बताया कि सीएम के समक्ष राज्यस्तरीय सत्याग्रह से पहले 30 अप्रैल को पटना नगर निगम के सामने धरना दिया जायेगा. इसके माध्यम से सरकार से मांग की जायेगी कि वेंडर जोन को गठित किया जाये व कानून को लागू किया जाये. उन्होंने कहा कि देश में चार लाख व बिहार में 18 लाख फुटपाथी दुकानदार हैं.
इसके अलावा हजारों लोग गांव-गांव में फेरी के माध्यम से दुकानदारी कर रहे हैं. फेडरेशन के राज्य महामंत्री अमृत प्रसाद ने कहा कि सरकार द्वारा अधिकृत एक एनजीओ द्वारा फुटपाथी दुकानदारों का सर्वे किये जाने का फेडरेशन विरोध करता है.
उन्होंने कहा कि एनजीओ ‘नास्विक ’ द्वारा गलत ढंग से जाली फुटपाथी दुकानदारों का रजिस्ट्रेशन कराया जा रहा है. फेडरेशन के राष्ट्रीय महामंत्री ने कहा कि महाबोधि मंदिर में पूजा-अर्चना करने वाले श्रद्धालुओं के लिए फूल-माला व मूचलिंद सरोवर की मछलियों को चारा के रूप में रोटी बेचने वाले फुटपाथी दुकानदारों को भी पहचान पत्र जारी किया जाये व उन्हें बेचने के लिए जगह मुहैया करायी जाये. इस दौरान बोधगया में आयोजित फुटपाथी दुकानदारों के प्रशिक्षण शिविर में लोकसभा में पारित पथ-विक्रेता अधिनियम में फुटपाथ दुकानदारों को मिले अधिकारों की चर्चा की गयी.