इससे 178 कॉलेजों को राहत मिली है. उन्हें एक वर्ष के लिए संबंद्धन प्राप्त हो गया है. जानकारी के अनुसार, एमयू के 43 संबद्ध कॉलेजों की संबद्धता को राज्य सरकार ने अस्वीकृत कर दिया था. साथ ही, करीब 135 कॉलेजों के संबंद्धन का विस्तार नहीं किये जाने से उनकी संबद्धता लगभग समाप्त हो गयी थी. इस कारण उक्त कॉलेजों के स्नातक पार्ट वन के छात्र-छात्रओं का रजिस्ट्रेशन नहीं हो पा रहा था.
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संबद्धता समाप्त कॉलेजों को जीवनदान
बोधगया: मगध विश्वविद्यालय (एमयू) के अंतर्गत चल रहे वैसे कॉलेजों को एक वर्ष का जीवनदान मिला है, जिनका संबंद्धन समाप्त हो चुका था. मंगलवार को एमयू में हुई संबंद्धन कमेटी की बैठक में निर्णय लिया गया कि जिन कॉलेजों का संबंद्धन समाप्त हो चुका है, उनका सत्र 2015-16 तक के लिए संबंद्धन विस्तार किया जाये. […]
बोधगया: मगध विश्वविद्यालय (एमयू) के अंतर्गत चल रहे वैसे कॉलेजों को एक वर्ष का जीवनदान मिला है, जिनका संबंद्धन समाप्त हो चुका था. मंगलवार को एमयू में हुई संबंद्धन कमेटी की बैठक में निर्णय लिया गया कि जिन कॉलेजों का संबंद्धन समाप्त हो चुका है, उनका सत्र 2015-16 तक के लिए संबंद्धन विस्तार किया जाये.
अब संबंद्धन कमेटी द्वारा उक्त कॉलेजों को एक वर्ष (2015-16) के लिए संबंद्धन विस्तार करने के निर्णय के बाद कॉलेजों के प्रबंधन व छात्र-छात्रओं ने राहत की सांस ली है. उन्हें एक वर्ष का समय मिल चुका है. इस दौरान वे सरकार द्वारा निर्धारित मानदंड पर खरा उतरने का प्रयास व तैयारी पूरी कर सकेंगे. एमयू के कुलपति प्रो एम इश्तियाक की अध्यक्षता में हुई संबंद्धन कमेटी की बैठक में लिये गये निर्णय के बारे में एमयू के पीआरओ कार्यालय से जारी जानकारी के अनुसार, संबद्धता समाप्त हो चुके कॉलेजों को वर्ष 2015-16 (एक वर्ष) के लिए संबंद्धन विस्तार किया गया है.
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