गया : पिता महेश्वर स्थित मानस मुक्ति केंद्र के प्रांगण में दो दिवसीय नैतिक शिक्षा व गो रक्षा विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया. आचार्य प्रणव मिश्र ने कहा कि जहां गायें प्रसन्न रहती हैं, वहां समस्त संपदाएं प्रसन्न होकर उपस्थित रहती हैं.
जहां गायें दुखी रहती हैं, वहां संपदाएं दुखी होकर लुप्त हो जाती हैं. उन्होंने कहा कि गो सेवा करने से जाने–अनजाने में किये गये पापों से मुक्ति मिल जाती है. गो सेवा से 33 करोड़ देवताओं की सेवा भी हो जाती है. गौ प्रसन्न होकर हमें कष्टों से दूर करके धन, यश, वैभव के साथ–साथ बल बुद्धि भी बढ़ाती है.
आचार्य मिश्र ने कहा कि आज स्थिति इतनी विकराल होती जा रही है कि गौ सेवा की बात तो दूर, इसकी उपेक्षा होने लगी है. उन्होंने प्लास्टिक के उपयोग पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि कचरे के ढेर पर चारा खोजते गायें पहुंच जाती हैं और गलती से उसे खा जाती हैं, तो गायें की मौत भी हो जाती है. उन्होंने लोगों से अपील की है कि प्लास्टिक का कम से कम उपयोग करें, क्योंकि गौ हत्या का दोष से अप्रत्यक्ष रूप से बच सकते हैं.