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‘धर्म का मकसद है शांति व सद्भाव’

बोधगया: धर्म के नाम पर हिंसा, फसाद व खून-खराबा मानवता के खिलाफ है. दुनिया का कोई भी धर्म यह नहीं सिखाता है कि दूसरे धर्म का अनादर करें, दूसरे धर्म के लोगों से घृणा करें. धर्म का मतलब शांति, सद्भाव व आपसी एकता को बढ़ावा देना होता है. उक्त बातें गुरुवार को बोधगया में जीवन […]

बोधगया: धर्म के नाम पर हिंसा, फसाद व खून-खराबा मानवता के खिलाफ है. दुनिया का कोई भी धर्म यह नहीं सिखाता है कि दूसरे धर्म का अनादर करें, दूसरे धर्म के लोगों से घृणा करें. धर्म का मतलब शांति, सद्भाव व आपसी एकता को बढ़ावा देना होता है. उक्त बातें गुरुवार को बोधगया में जीवन संघम की तरफ से आयोजित बुद्धिस्ट-ईसाई सम्मेलन में सुसई लॉरेंस उर्फ उज्ज्वल लॉरेंस ने कहीं.

श्री लॉरेंस ने कहा कि आये दिन दुनिया के विभिन्न देशों में धर्म के नाम पर लोगों की हत्या की जा रही है. आपसी एकता को तोड़ा जा रहा है. इससे लोगों में भाईचारे का अभाव हो गया है. एक-दूसरे को सहयोग करने से लोग कतराने लगे हैं. आज धर्म के नाम पर समाज को बांटने की कोशिश हो रही है.

इससे बाहर निकलने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि धर्म, मुक्ति व शांति के लिए बनाया गया है, न कि फसाद व हिंसा के लिए. उन्होंने बताया कि वेटिकन सिटी के पोप की पहल पर बोधगया में पहली बार बुद्धिष्ट व ईसाई प्रतिनिधियों का सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है. इसमें विभिन्न देशों के बुद्धिष्ट व ईसाई धर्म के 30-30 प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं. सम्मेलन के उद्देश्य के बारे में श्री लॉरेंस ने बताया कि सभी धर्मो के लोगों को एक परिवार का सदस्य समझने व सभी धर्मो के प्रति आदर-सम्मान की भावना पैदा करने का संदेश प्रसारित करने के लिए ही सभी प्रतिनिधि यहां जमा हुए हैं. इसमें कई प्रतिनिधियों ने अपने पत्रों (संदेश) को पढ़ा व एक-दूसरे से शेयर भी किया.

कई देशों के प्रतिनिधि हो रहे शामिल. महाबोधि सोसाइटी ऑफ इंडिया के सभागार में आयोजित बुद्धिष्ट-ईसाई सम्मेलन में बौद्ध धर्म की तरफ से जापान से डॉ मुनेहिरो निवानो, यूएसए से क्योचि सुगिनो, म्यांमार से डॉ धम्मापिया व यू मिंट स्वे, श्रीलंका से डॉ मेदागंपितिये विजिथा धम्मा व मेदावाच्चिये धम्माज्योति, दक्षिण कोरिया से डॉ जिन वोल (यंग हो ली), थाइलैंड से फ्रा बोधिनंदामुनि व वरूनी किटी कंग्सदरन, ताइवान से वेन हुई फेंग, कोलकाता से वेन मियाओ रू, बोधगया से किरण लामा, वेन प्रज्ञादीप, के मेदंकर थेरो व अन्य लोग शामिल हो रहे हैं. इसी तरह ईसाई धर्म की तरफ से पटना से विलियम डिसूजा, श्रीलंका से विंस्टोन फेर्नाडो व म्यांमार से मार्को टीन वीन समेत भारत की विभिन्न मिशनरियों के सदस्य शामिल हो रहे हैं. सम्मेलन का समापन शुक्रवार को होगा. समापन के पहले प्रस्ताव पारित किये जायेंगे व सम्मेलन के निष्कर्ष पर भी चर्चा होगी.

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