गया: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शहरी क्षेत्र में जले ट्रांसफॉर्मर को 24 घंटे के अंदर बदलने का आदेश दे रखा है. लेकिन, गया में शायद ही कभी इसका पालन हुआ हो. जब कभी भी कोई ट्रांसफॉर्मर जलता है, तो संबंधित अधिकारियों को एक-दो दिनों तक इसकी जानकारी तक नहीं होती.
इसकी जानकारी मिलने के बाद कागजी कार्रवाई में दो दिन गुजर जाते हैं. एक दिन ट्रांसफॉर्मर लाने व लगाने में लगता है. यह भी तब संभव होता है, जब ट्रांसफॉर्मर से जुड़े उपभोक्ता आपस में चंदा करते हैं. शायद विलंब भी इन्हीं कारणों से होता है. ताकि अधिक-से-अधिक चंदा किया जा सके. ऐसा ही कुछ बागेश्वरी की जनता कॉलोनी में इन दिनों हो रहा है.
लोगों से पूछने पर बताया जाता है कि ट्रांसफॉर्मर बदलने के लिए चंदा किया जा रहा है. लेकिन, पैसे किस अधिकारी ने मांगे हैं, यह बताने को कोई तैयार नहीं है. उन्हें इस बात का डर है कि बताने से काम बिगड़ सकता है. मुहल्लेवासी बताते हैं कि एक सप्ताह से ट्रांसफॉर्मर बेकार पड़ा है. बीच में ट्रांसफॉर्मर बदला भी गया, लेकिन वह पहले से ही डिफेक्टिव होने के कारण जल गया. इसकी पुष्टि कनीय अभियंता राजीव कुमार सिन्हा भी करते हैं. पूछने पर कार्यपालक अभियंता बिनोद प्रजापति बताते हैं कि दो दिन पहले जनता कॉलोनी का ट्रांसफॉर्मर बदला जा चुका है.
दोबारा जलने की जानकारी उन्हें नहीं हैं. इधर, ट्रांसफॉर्मर जले रहने से भीषण पेयजल संकट उत्पन्न हो गया है. जनता कॉलोनी तो एकमात्र उदाहरण है. शहर में हर एक ट्रांसफॉर्मर जलने के बाद ऐसा ही होता है.