बोधगया: धर्मातरण को लेकर अतिया गांव में उपजे विवाद के बीच हिंदू से ईसाई धर्म अपनाने वाले 45 लोगों ने मगध विश्वविद्यालय थाने में आवेदन देकर सुरक्षा की गुहार लगायी है. लोगों ने कहा है कि वे 2007 से स्वेच्छा से यीशु की शरण में चले गये हैं व इसके कारण उनमें शराब पीने की लत में कमी आयी है.
शिक्षा भी बढ़ी है व मुहल्ले में गंदगी भी कम हो गयी है. लोगों ने कहा है कि गत 25 दिसंबर के बाद से उन पर विहिप, आरएसएस व बजरंग दल के लोगों द्वारा घर वापसी का दबाव बनाया जा रहा है. आवेदन में लिखा गया है कि 26 दिसंबर की रात में करीब 30-40 की संख्या में
लोग आये व जबरन घर वापसी की बात करने लगे. ऐसा नहीं करने पर उनके घरों को जलाने व उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी गयी. ग्रामीणों ने थानाध्यक्ष से जान-माल की सुरक्षा की गुहार लगाते हुए इस पर कार्रवाई की भी मांग की है. थानाध्यक्ष के नाम दिये आवेदन में शिव शंकर कुमार, विनोद मांझी, जीतन मांझी, प्रमोद कुमार, सुनिता देवी, लालजी कुमार, मुन्ना मांझी, सूर्यदेव मांझी, मिस्टर मांझी, जितेंद्र मांझी, रजंती देवी, कलावती देवी, सीमा देवी, रेखा देवी, अनिल मांझी, अमृत मांझी सहित 45 लोगों के हस्ताक्षर हैं. इस बारे में मगध विश्वविद्यालय थानाध्यक्ष जय शंकर कुमार ने बताया कि अभी तक (खबर लिखे जाने तक)उन्हें इसकी जानकारी नहीं है. उन्होंने बताया कि गांव में रविवार की रात से ही पुलिस कैंप कर रही है व आवेदन मिलने पर जांच कर कार्रवाई की जायेगी.