वरीय संवाददाता, गयासिविल लाइंस थाने की पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद रियल बांड मार्केटिंग लिमिटेड व रियल लैंड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के अधिकारी वीरेंद्र काजी से पूछताछ कर जेल भेज दिया गया. इस नन बैंकिंग कंपनी के विरुद्ध सिविल लाइंस थाने के मधुसूदन कॉलोनी के रोड नंबर सात के रवि कुमार ने प्राथमिकी दर्ज करायी थी. रवि ने बताया कि वर्ष 2010 में इस कंपनी के अधिकारियों ने माड़नपुर-बाइपास रोड स्थित नव दुर्गा मार्केट में रियल बांड मार्केटिंग की शाखा खोली. इसके बाद अधिकारियों व कर्मचारियों ने पहले इंश्योरेंस सेक्टर के निजी कंपनियों का एजेंट बन कर लोगों का विश्वास जीता व उनकी पॉलिसी की. इसके बाद कंपनी के अधिकारियों ने अपनी नन बैंकिग कंपनी की मार्केटिंग करनी शुरू कर दी. इन्होंने लोगों को लोभ दिया कि 10 हजार रुपये जमा करें. इसके बदले में उनकी कंपनी 24 माह तक मूलधन (10 हजार रुपये) का सात प्रतिशत ब्याज देगी. 24 माह बीत जाने के बाद मूलधन को लौटा दिया जायेेगा. उन्होंने बताया कि काफी दिनों तक कंपनी ने लोगों को रुपये लौटाये. इसके बाद लोगों को लुभाने के लिए प्रतिमाह सात प्रतिशत के बजाय 10 प्रतिशत ब्याज देना शुरू किया. इस चक्कर में काफी लोग पड़ गये. लेकिन, कुछ माह बाद ब्याज देना बंद कर दिया. धीरे-धीरे इसके कार्यालय में काम करनेवाले लोगों की संख्या कम होने लगी. तब नयी दिल्ली स्थित इस कंपनी के कार्यालय में भी संपर्क किया गया. वहां मौजूद अधिकारियों ने पैसे लौटाने की बात कही. इससे संबंधित कुछ कागजात भी दिये. लेकिन, धीरे-धीरे कंपनी ने अपनी शाखाओं को बंद करना शुरू कर दिया. तब, लोगों को ठगी का एहसास हुआ.
निजी कंपनियों का इंश्योरेंस एजेंट बन का जीता था विश्वास
वरीय संवाददाता, गयासिविल लाइंस थाने की पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद रियल बांड मार्केटिंग लिमिटेड व रियल लैंड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के अधिकारी वीरेंद्र काजी से पूछताछ कर जेल भेज दिया गया. इस नन बैंकिंग कंपनी के विरुद्ध सिविल लाइंस थाने के मधुसूदन कॉलोनी के रोड नंबर सात के रवि कुमार ने प्राथमिकी […]
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