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गया : शहर से निकलनेवाला कचरा ग्रामीणों को कर रहा है बीमार
गया : शहर के 53 वार्डों के एक लाख से अधिक घरों से निकलनेवाला कचरा अब लोगों को बीमार कर रहा है. इसकी रोकथाम के लिए निगम प्रशासन केवल मौखिक बात ही कर रहा है. जहां एक तरफ निगम प्रशासन नैली स्थित डंपिंग प्वाइंट पर जमा कचरे के निस्तारण के टेंडर निकालने की बात कर […]
गया : शहर के 53 वार्डों के एक लाख से अधिक घरों से निकलनेवाला कचरा अब लोगों को बीमार कर रहा है. इसकी रोकथाम के लिए निगम प्रशासन केवल मौखिक बात ही कर रहा है. जहां एक तरफ निगम प्रशासन नैली स्थित डंपिंग प्वाइंट पर जमा कचरे के निस्तारण के टेंडर निकालने की बात कर रहा है. वहीं दूसरी निगम कर्मचारी शहर के किनारे करीब आधा दर्जन जगह पर कचरा गिरा रहे हैं. इतना ही नहीं कर्मचारी कचरे में आग भी लगा रहे हैं. जिसके धुएं से वातावरण प्रदूषित हो रहा है.
सबसे बड़ी परेशानी उन गांव के लोगों को है जो डंपिंग जोन के आसपास हैं. कचरे से उठनेवाली दुर्गंध व धुएं से गांव के लोग बीमार पड़ रहे हैं. इस समस्या को एनजीटी ने गंभीरता से लिया है. एनजीटी की गंभीरता के बाद निगम प्रशासन की ने कचरा निस्तारण के लिए टेंडर निकाल कर कचरा निस्तारण के विधि व खर्च का ब्योरा मांगा है. जिसमें अब तक कोई फैसला नहीं हो सका है.
कचरा निष्पादन के लिए कई बार हुई तैयारी : निगम बोर्ड के सदस्यों व अधिकारियों के साथ बैठक में नैली में कचरा प्रोसेसिंग प्लांट लगाने व जमा कचरे का निष्पादन को लेकर कई बार चर्चा हुई. योजना भी तैयार की गयी. नैली डंपिंग प्वाइंट पर जैविक पार्क बनाने का काम शुरू किया गया. लेकिन, लाखों रुपये बर्बाद कर काम को बंद कर दिया गया. पिछले दिनों हुई निगम बोर्ड की बैठक में इस बात को लेकर फिर से कचरा निष्पादन के लिए काम करने की बात उठी. इस दौरान डिप्टी मेयर मोहन श्रीवास्तव ने कहा था कि एनजीटीननकचरा जमा होने पर काफी सख्त है.
क्या कहते हैं मेयर
निगम साफ-सफाई के साथ लोगों के स्वास्थ्य का भी खयाल रखता है. इसमें किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी. निगम बोर्ड ने हाल के दिनों में फैसला लिया है कि कचरा निष्पादन को प्रभावी ढंग से लागू किया जाये. इसके लिए संसाधन को बढ़ाने का भी फैसला लिया गया है.
वीरेंद्र कुमार, मेयर
क्या कहते हैं नगर आयुक्त
डंपिंग प्वाइंट में जमा कचरे के निस्तारण के लिए जल्द ही प्रक्रिया शुरू करने की कार्रवाई पूरी की जा रही है. इसके साथ ही बिना तय स्थानों पर कचरा न फेंका जाये इसके लिए पहले से ही कर्मचारियों व जिम्मेदार अधिकारियों को निर्देश दिया गया है. इसके बाद भी कचरा फेंकने की सूचना मिल रही है. कर्मचारियों पर कार्रवाई की जायेगी.
सावन कुमार, नगर आयुक्त
यह कहना है वार्ड पार्षदों का
नैली में कचरा जलने से उनके वार्ड के गोपीबिगहा की आबादी पूरी तरह से प्रभावित है. निगम से तैनात डंपिंग प्वाइंट पर कर्मचारी की लापरवाही के कारण स्थिति भयानक हो गयी है. आसपास के लोग कचरा से लोहा व प्लास्टिक चुनने के चक्कर में आग लगा देते हैं. आसपास के लोगों को रहना मुश्किल हो गया है.
प्रीति सिंह, पार्षद वार्ड-46
निगम को कचरा जमा करने का प्वाइंट तय करना चाहिए. इसके साथ ही इसके निस्तारण के लिए उचित कदम भी उठाना चाहिए. मानपुर इलाके में कचरा गिराने की कोई जगह तय नहीं है. मानपुर से करीब 12-13 किलोमीटर नैली डंपिंग प्वाइंट पड़ता है. इतनी दूर कचरा ले जाने के लिए कई गाड़ियों की जरूरत होगी.
प्रमिला देवी पटवा, पार्षद वार्ड- 49
मानपुर इलाके का कचरा उनके वार्ड के सुढ़ी टोला सर्वहारा नगर स्थित खदान में गिराया जाता है. हालात यह हैं कि मानपुर के कई वार्डों का कचरा यहां फेंका जा रहा है. अब यहां जमा कचरे में आग लगा दी गयी है.
इससे निकलनेवाले धुएं से लोग बीमार हो रहे हैं.
मनोज कुमार, पार्षद वार्ड- 51
कचरा सुढ़ीटोला के खदान में फेंका जा रहा था. आसपास के लोगों ने इसका विरोध किया है. कचरा फेंकने पर रोक लगने के बाद वार्ड की स्थिति भयावह हो जायेगी. निगम बोर्ड की बैठक में इस बार मामला उठाया. लेकिन, किसी तरह का समाधान नहीं सका है.
नंदलाल तांती, पार्षद वार्ड- 48
वार्ड से कचरा डंपिंग प्वाइंट पर ले जाने की व्यवस्था न होने के कारण वार्ड में ही रहता है. वर्तमान में गड्ढे में कचरा डाला जा रहा है. यह स्थिति बहुत दिनों तक चलनेवाली नहीं है. एक बार निगम से कहा गया कि कचरा डंप करे यहां से नैली ले जायेगा.
उषा वर्मा, पार्षद वार्ड- 47
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