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अब फसलों पर रहेगी ड्रोन की नजर

रोहित कुमार सिंह, गया : फसलों में कीट लग जाने के बाद किसानों की मेहनत अक्सर बर्बाद हो जाती है और उन्हें आर्थिक नुकसान भी होता है. लेकिन, अब ऐसा नहीं होगा. किसानों की फसलों में कीट नहीं लगेंगे. क्योंकि, अब खेतों में खड़ी फसलों को नष्ट करनेवाले कीटों को ड्रोन के कैमरे में कैद […]

रोहित कुमार सिंह, गया : फसलों में कीट लग जाने के बाद किसानों की मेहनत अक्सर बर्बाद हो जाती है और उन्हें आर्थिक नुकसान भी होता है. लेकिन, अब ऐसा नहीं होगा. किसानों की फसलों में कीट नहीं लगेंगे. क्योंकि, अब खेतों में खड़ी फसलों को नष्ट करनेवाले कीटों को ड्रोन के कैमरे में कैद किया जायेगा. इसके बाद कीटों को खत्म करने के लिए ठाेस वैज्ञानिक उपाय खोजे जायेंगे, ताकि, खेती से अच्छी उपज हो सके.

काम को कोई और नहीं, बल्कि वैज्ञानिकों की देख-रेख में किया जायेगा. विशेषज्ञ ड्रोन के माध्यम से खेतों का निरीक्षण करेंगे. खेतों में कीड़ों की वजह से खराब हो रही फसल को चिह्नित कर उन पर दवा का भी छिड़काव करेंगे. इससे किसानों को पूरे खेत में दवा छिड़काव करने की समस्या से भी निजात मिलेगी.
किसान अपने स्तर से भी खेतों में करते हैं दवा का छिड़काव
किसान जब फसल लगाते हैं, तो उसकी सेवा भी मन से करते हैं. फसल के ऊपर किसान अपने स्तर से दवा का छिड़काव भी करते हैं. लेकिन, दवा का असर कीटों पर नहीं पड़ता है.
वैज्ञानिक बताते हैं कि फसल के अंदर कीट लग जाने के बाद इंसान अपनी अांखों से उसे देख नहीं पाता हैै. इस कारण फसल नष्ट होने के कगार पर आ जाता है. लेकिन, ड्रोन के कैमरे में छोटे-छोटे कीट कैद हो जायेंगे. इसके जरिये ऊंची से ऊंची पौध वाली फसल में छिपे कीट की पहचान आसानी से हो सकती है.
पांच से 10 फुट पर उड़ाये जायेंगे ड्रोन
कृषि विभाग के अधिकारियों की टीम ने बताया कि खेतों में पांच से 10 फुट की ऊंचाई तक ड्रोन को उड़ाया जायेगा. छोटे-छोटे कीट दिखने पर उसे पांच फुट से नीचे भी उड़ाया जा सकता है. बताया जाता है कि एक ड्रोन लगभग 80 हजार से लेकर दो लाख 30 हजार रुपये तक है. इसके कैमरे की क्वालिटी अच्छी होती है. इस ड्रोन के माध्यम से फसलों के नजदीक जाकर उसके जड़ों को भी देख सकते हैं. यही नहीं खेतों के अंदर कीड़ों द्वारा बनाये गये सुरंगों को भी देखा जा सकता है.
ड्रोन से कैसे होगा खेतों में काम
ड्रोन के माध्यम से खेतों में लगी फसलों का निरीक्षण किया जायेगा. इसके बाद फसलों में लगे कीट ड्रोन के कमरे में कैद हो जायेंगे. उन जगहों पर दवा का छिड़काव करके कीटों का सफाया किया जायेगा. अगर दूसरे प्रकार के कीट होंगे, तो उसकी पहचान कर उन्हें मारने का उपाय निकाला जायेगा. बताया जाता है कि पहले धीरे-धीरे कीट व अन्य कीड़े अपनी जगह बनाते हैं और उसके बाद फसलों को नष्ट करने लगते है. इससे फसल धीरे-धीरे खराब हो जाती है और किसानों को नुकसान झेलना पड़ता है.

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