गया: हमारे आसपास प्रतिभावान बच्चों की कमी नहीं है. सिर्फ आवश्यकता है, उन्हें मदद करने की. आर्थिक रूप से कमजोर प्रतिभाशाली बच्चों को समाज मदद करें. इससे समाज का सर्वागीण विकास होगा. एक नया माहौल बनेगा.
एक समय था, जब आइआइटी की परीक्षा में सफल होना बच्चों के लिए सपना था. लेकिन, मगध सुपर-30 के माध्यम से एक सामूहिक प्रयास कर इस मिथक का तोड़ा गया. अब आपके बीच रहनेवाला गरीब से गरीब बच्च भी आइआइटी में सफल हो रहा है. रिक्शा चला कर परिवार का पेट भरने वाले शुभम का परिवार इसका उदाहरण है. ये बातें बुधवार को धर्मसभा भवन में आयोजित मगध सुपर-30 के वार्षिक सम्मान समारोह में आइपीएस अधिकारी अभयानंद ने कहीं.
आतंकियों व उग्रवादियों के टिप्स को अपनाया : उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग के कार्यकाल में आतंकियों व उग्रवादियों से एक अच्छी टिप्स ली. आतंकी व उग्रवादी अपने मंसूबे में सफल हो जाते हैं. इसके पीछे उनका समर्पण का भाव काम करता है. किसी घटना को करने से पहले आतंकी जानता है कि उसका अंजाम बुरा होगा, लेकिन वह अपनी मंशा को सिर्फ समर्पण भाव के कारण पूरा करता है. भविष्य की चिंता नहीं करता है. यही टिप्स हमने मगध सुपर-30 में बच्चों को दी. बच्चों में अपने दायित्व के प्रति समर्पण का भाव लाने की कोशिश की. हर दिन बच्चों की परीक्षा ली. प्रतिदिन परीक्षा लेते-लेते बच्चों के बीच परीक्षा का खौफ ही समाप्त हो गया. उन्होंने कहा कि यही ऐसी संस्था है, जहां बच्चे एक-दूसरे को पढ़ाई में पूरे लगन के साथ सहयोग करते हैं. अन्यथा, आज की तारीख में इस गला काट प्रतियोगिता में हर बच्च अपनी पढ़ाई में पूरी तरह गोपनीयता बरतता है. इस दौरान मगध सुपर-30 से आइआइटी की परीक्षा में सफल हो चुके शुभम व राजन ने भी अपनी-अपनी बातें रखीं
शिक्षकों को किया गया सम्मानित : इस मौके पर अभयानंद ने मगध सुपर-30 में नि:स्वार्थ भावना से पढ़ाने वाले शिक्षक बृज बिहारी शर्मा, बीएन सिंह, प्रमोद कुमार सिन्हा व वीरेंद्र कुमार को सम्मानित किया. इस दौरान मगध सुपर-30 की संयोजिका गीता कुमारी ने आर्थिक रूप से सहयोग करनेवालों को भी सम्मानित किया. इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार गोवर्धन प्रसाद सदय, अनूप केडिया, अरविंद कुमार सिंह, धीरेंद्र कुमार मुन्ना, पंकज कुमार, लालजी प्रसाद, डॉ फरासत हुसैन, डॉ शारदानंद सिन्हा, प्रमोद कुमार व अजरुन प्रसाद सहित अन्य लोग मौजूद थे.