गया: शहर में जहां-तहां सड़कों पर गाय-भैंस बांधनेवालों के खिलाफ नगर निगम ने सख्त रवैया अपनाया है. नगर आयुक्त रामविलास पासवान ने सिटी मैनेजर प्रकाश कुमार की अनुशंसा के बाद ऐसे ही एक खटाल के संचालक के खिलाफ कोतवाली थाने में एफआइआर दर्ज कराया है.
लक्ष्मण सहाय लेन में गुरुद्वारा रोड पंपिंग स्टेशन के पास सड़क पर अवैध तरीके से गाय-भैंस बांध कर व्यवसाय करने वाले शंकर यादव पर नगर आयुक्त ने कार्रवाई की है. इधर, निगम प्रशासन ने चेतावनी दी है कि आगे भी सड़क पर अवैध रूप से मवेशी बांधनेवालों पर कार्रवाई की जायेगी.
पार्षद व मुहल्लावासी ने की थी शिकायत: स्थानीय वार्ड पार्षद उषा देवी व अन्य मुहल्लेवासियों ने नगर आयुक्त के पास सड़क पर मवेशी बांधने की शिकायत की थी. लोगों ने आवेदन में कहा था कि लक्ष्मण सहाय लेन स्थित गुरुद्वारा रोड पंपिंग स्टेशन के पास शंकर यादव द्वारा अवैध रूप से सड़क पर जानवरों को बांध कर कारोबार करने के अलावा जलापूर्ति के पाइप को काट कर जानवरों को धोने को काम किया जाता है. शाम के वक्त उक्त स्थान पर असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है, जिससे मुहल्लावासी परेशान रहते हैं. इसके बाद सहायक अभियंता शैलेंद्र कुमार सिन्हा व सिटी मैनेजर प्रकाश कुमार ने स्थल का निरीक्षण किया और शंकर यादव के खिलाफ शिकायत सही पायी. शंकर ने सड़क पर 10-12 की संख्या में गाय-भैंस बांध रखे थे. पूछने पर मुहल्लावासियों ने बताया कि मूल रूप से बैरागी मुहल्ले के रहनेवाले शंकर यादव द्वारा पिछले कई वर्षो से अवैध रूप से सड़क पर मवेशी बांधे जा रहे हैं. इस वजह से सड़क पर यातायात बाधित रहता है.
कई स्थानों पर सड़क पर ही बांधे जाते हैं मवेशी: शहर के कई इलाकों में सड़क पर जानवर बांधे जाते हैं. इससे पहले भी झीलगंज मुहल्ले में जानवर बांध कर सड़क खराब करने के मामले में कोतवाली थाने में एफआइआर दर्ज करायी गयी थी. कार्रवाई होने के कुछ दिनों के बाद स्थिति में सुधार रहा. लेकिन उसके बाद सड़क पर गाय-भैंस बांधे जाने लगे. वहीं, सड़क के अलावा तालाबों व अन्य सार्वजनिक स्थानों पर भी बेखौफ जानवर बांधे जाते हैं.
आये दिन घायल होते हैं लोग: सड़कों पर जानवरों को बांध कर अतिक्रमण करने के अलावा कई लोग जानवरों को खुला भी छोड़ देते हैं. ऐसे में उन सड़कों से पैदल या दोपहिया वाहनों से गुजरनेवाले लोग अक्सर घायल हो जाते हैं. लोग झगड़े-फसाद की वजह से शिकायत दर्ज कराना नहीं चाहते है. वहीं, इस मसले पर जिला प्रशासन भी सख्त नहीं दिखता. ऐसे में इन लोगों को शह मिल जाता है.