21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सीयूएसबी ने गोद लिये गये गांव में मनाया कृषक दिवस, बेहतर खेती के लिए कृषकों और वैज्ञानिकों के बीच संवाद जरूरी

टिकारी : दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय व भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, पटना ने सीयूएसबी द्वारा गोद लिए गये गांव महमदपुर में कृषक दिवस मनाया. मौका था आइसीएआर के कृषि वैज्ञानिक डॉ संतोष कुमार द्वारा विकसित धान की नयी प्रजाति स्वर्ण श्रेया के पैदावार की जांच करने का. जांच में पाया गया कि इस धान की […]

टिकारी : दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय व भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, पटना ने सीयूएसबी द्वारा गोद लिए गये गांव महमदपुर में कृषक दिवस मनाया. मौका था आइसीएआर के कृषि वैज्ञानिक डॉ संतोष कुमार द्वारा विकसित धान की नयी प्रजाति स्वर्ण श्रेया के पैदावार की जांच करने का. जांच में पाया गया कि इस धान की इस नयी किस्म से किसान बहुत ही खुश हैं, क्योंकि कम बारिश में भी इसने अच्छी पैदावार दी है.
इस आयोजन का मुख्य लक्ष्य कृषकों को नये किस्म के बीज के उपयोग के प्रति जागरूक करना था. इस नये किस्म के बीज के शोधकर्ता वैज्ञानिक डॉ संतोष कुमार (भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद) ने कहा कि अनियमित माॅनसून व सूखे की वजह से धान की पैदावार कम होती है. इस कठिनाई को दूर करने के लिए ही स्वर्ण श्रेया बीज को विकसित किया गया है.
आम बीज की तुलना में इस उन्नत किस्म के बीज के लिए 40 प्रतिशत कम पानी की जरूरत पड़ती है. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कृषि विभाग के सह निदेशक एसी जैन ने कहा कि कृषकों व कृषि वैज्ञानिक के बीच निरंतर संवाद होना चाहिए. सीयूएसबी के जनसंचार विभाग के डीन डॉ आतिश पराशर ने कृषकों को वैज्ञानिक पद्धति का अत्यधिक प्रयोग करने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में विश्वविद्यालय गांव की अन्य समस्याओं की तरफ ध्यान देगा.
कार्यक्रम में आइसीएआर के कार्यकारी निदेशक डॉ उज्जवल कुमार ने सीयूएसबी के प्रयास की सराहना की व कहा कि दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय व आसीएआर को एमओयू पर हस्ताक्षर करना चाहिए, ताकि दोनों ही संस्थान मिल कर काम कर सकें. कार्यक्रम में आये जिला कृषि अधिकारी अशोक कुमार सिन्हा ने इस बात पर खुशी जतायी कि धान की यह नयी किस्म आइसीएआर ने सीयूएसबी के सहयोग से इस इलाके में उपलब्ध कराया.
उन्होंने कृषकों से इस नयी किस्म की पैदावार को लेकर पूछताछ की व उनसे अपील की इसकी पैदावार को खाने में उपयोग की बजाय अन्य किसानों को बांटे व इसे प्रचारित-प्रसारित करें, ताकि दूसरे किसान भी इस नयी किस्म के धान की खेती कर सकें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें