5000 से ज्यादा की जनसंख्या वाले गांवों में बैंकों को ब्रांच खोलने का था निर्देश, पर नहीं खुली शाखा
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ग्राहकों को परेशान करनेवाले बैंकों पर दर्ज होगी प्राथमिकी
5000 से ज्यादा की जनसंख्या वाले गांवों में बैंकों को ब्रांच खोलने का था निर्देश, पर नहीं खुली शाखा गया : जिला समाहरणालय स्थित सभागार में शुक्रवार को डीएम अभिषेक सिंह की अध्यक्षता में बैंकों की जिला स्तरीय सलाहकार सह समीक्षा समिति की बैठक अग्रणी बैंक पंजाब नेशनल बैंक की अगुवाई में की गयी. लीड […]
गया : जिला समाहरणालय स्थित सभागार में शुक्रवार को डीएम अभिषेक सिंह की अध्यक्षता में बैंकों की जिला स्तरीय सलाहकार सह समीक्षा समिति की बैठक अग्रणी बैंक पंजाब नेशनल बैंक की अगुवाई में की गयी. लीड बैंक की ओर से बताया गया कि जिले में 30 बैंकों की 280 शाखाएं हैं और कुल 333 एटीएम संचालित हैं. ग्राम स्वराज अभियान फेज-टू के तहत 1342 गांवों के सभी परिवारों का बैंक खाता खोला जाना है. इस संबंध में समीक्षा के क्रम में यह पता चला है कि अभी तक एक भी ग्राहक का खाता नहीं खोला गया है. इस पर डीएम ने
एसइसीसी की सूची से मिलान कर वैसे परिवार, जिनके खाते अभी तक नहीं खुले हैं, उनकी सूची उपलब्ध करा कर खाता खुलवाने का काम 15 जुलाई तक पूरा करने का निर्देश दिया है. इस अवसर पर आरसेट्टी गया द्वारा वर्ष 2017-18 की वार्षिक गतिविधि के प्रतिवेदन की पुस्तक का डीएम ने विमोचन किया. उन्होंने कहा कि लाभुकों को अनावश्यक रूप से बैंकों के द्वारा परेशान नहीं किया जाना चाहिए. अगर उनके पास सभी कागजात हैं, तो उन्हें परेशान नहीं किया जाये. इसमें जिला प्रशासन की नीति जीरो टॉलरेंस की होगी. कागजात रहते परेशान करने की जानकारी मिलने पर संबंधित बैंक के विरुद्ध प्राथमिकी भी दर्ज करायी जायेगी.
शाखा खोलने में हो रही लेटलतीफी : समीक्षा में पाया गया कि 5000 की जनसंख्या से ऊपर वाले गांवों में कई बैंकों को ब्रांच खोलने का लक्ष्य दिया गया था, जो अब तक नहीं खोला जा सका है. जैसे यूनियन बैंक को गुरारू और मोहनपुर में ब्रांच खोलना था. बैंक की समीक्षा में यह बात सामने आयी कि बैंकों के द्वारा की जा रही लेटलतीफी के कारण सीडी रेशियो, साख जमा अनुपात और एनुअल क्रेडिट प्लान, वार्षिक साख योजना की उपलब्धि जिले में कम रही है.
शिक्षा वित्त निगम के बारे में दी जानकारी : बैठक में कृषि विभाग, जीविका, जिला निबंधन सह परामर्श केंद्र, जिला उद्योग केंद्र, नगर निगम और पशुपालन विभाग की योजनाओं की समीक्षा की गयी. इसमें यह बात सामने आयी कि बैंकों के द्वारा स्वीकृति एवं वितरण में अभी भी अपेक्षित प्रगति नहीं की गयी है.
अब तक बांटे गये तीन करोड़ के लोन
जिला उद्योग केंद्र के जीएम ने बताया की पीएमइजीपी के लिए 106 आवेदकों को वर्ष 2017-18 में ऋण का वितरण किया गया था. वहीं, वर्ष 2018-19 के लिए 150 आवेदन प्राप्त हुए हैं, अब तक तीन करोड़ दाे लाख रुपये का ऋण वितरण किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति-जनजाति ऋण योजना के तहत 50 प्रतिशत अनुदान पर सरकार द्वारा एक लाख से 10 लाख रुपये तक का ऋण मुहैया कराया जाना है और इसमें ब्याज की राशि में भी 50 फीसदी का भुगतान सरकार के माध्यम से किया जायेगा.
बताया गया कि मुद्रा योजना के तहत 68 करोड़ 722 लाख रुपये का ऋण मुहैया कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिसमें से 46 करोड़ 84 लाख रुपये के ऋण का वितरण किया गया है. बैठक में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के प्रतिनिधि नीरज कुमार, निदेशक जिला ग्रामीण विकास अभिकरण एवं विभिन्न बैंकों के वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे.
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