बाराचट्टी : मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत हर घर तक नल का जल पहुंचाने की मुहिम चर्चा में है. यह अभियान खूब जोर-शोर से चलाया जा रहा है. पर, दूसरी तरफ जमीनी हालात अलग किस्म के हैं. कम से कम मोहनपुर के लखैपुर बाजार के आसपास जो दृश्य दिख रहा है, उससे तो यही पता चल रहा है. यहां रहनेवाले लोग पिछले कई दशकों से पेयजल की कमी का सामना कर रहे हैं. गर्मी के दिनों में वे भयानक जल संकट का सामना कर रहे होते हैं. अभी आजकल भी ऐसा ही है.
मोहाने नदी के किनारे बसे लखैपुर बाजार में मार्च का महीना शुरू होते ही पेय जल की दिक्कतें दिखने लगती हैं. होली के तुरंत बाद से ही लोगों को जल संकट की आहट सुनाई पड़ने लगती है. गांव के अधिकतर चापाकल व कुआें से पानी निकलना बंद होने लगता है. इस वजह से कमोबेश हर साल पेयजल की समस्या पैदा होती है. इस वर्ष एक बार फिर से लोग ऐसे ही संकट का सामना कर रहे हैं. लोग मोहाने नदी में बालू हटा कर पानी निकाल रहे हैं.
सीधे नदी से निकाला हुआ वही पानी नहाने, कपड़े धोन व भोजन बनाने तथा पीने के काम आ रहा है. लखैपुर के लोगों का कहना है कि पिछले कई दशकों से वे इस समस्या से जूझ रहे हैं और इसी तरह जैसे-तैसे जी रहे हैं. उनकी जरूरतों का ध्यान रखते हुए इस मामले में अब तक काेई ठोस पहल नहीं हो सकी है. हर वर्ष मार्च से जून तक अकेले पानी ही इनकी जिंदगी को भारी मुश्किल में डाल देता है. लखैपुर के रूदल दास, विजय दास व देवप्रकाश भाटिया आदि ने मांग की कि सरकार लखैपुर में पेयजल आपूर्ति केंद्र बनाये,
ताकि स्थानीय आबादी को आसानी से पानी मिल सके. वैसे स्थानीय लोगों का कहना है कि अफसरों को सब पता है, पर कोई सुनता नहीं. बीडीओ स्नेहिल आनंद ने बताया कि मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत गांव में पेयजल की आपूर्ति के लिए जरूरी काम कराये जायेंगे.