गया: शनिवार 29 मार्च को प्रभात खबर में ‘गायब हो रहे मरीज!’ शीर्षक से खबर छपने के बाद मगध मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल के अधीक्षक डॉ सुधीर कुमार (एसके) सिन्हा ने सोमवार को अस्पताल परिसर में प्राइवेट एंबुलेंस के अनधिकृत प्रवेश पर रोक लगा दी.
ताकि, किसी मरीज को बिचौलिया बहला-फुसला कर निजी अस्पताल अथवा नर्सिग होम में नहीं ले जा सकें. इसकी पूरी जिम्मेवारी सिक्यूरिटी गार्ड को सौंपी गयी है. साथ ही मगध मेडिकल थाने की पुलिस को भी आवश्यक कार्रवाई के लिए लिखा गया है.
डॉ सिन्हा ने कहा कि प्राइवेट एंबुलेंस के न केवल पार्किग पर, वरन प्रवेश पर भी रोक लगा दी गयी है. इसके अलावा निजी वाहनों का प्रवेश भी रोक दिया गया है. इसके लिए आउट सोर्सिग से अस्पताल में तैनात सिक्यूरिटी गार्ड को जिम्मेवारी दी गयी है. इसमें लापरवाही बरतने वाले सिक्यूरिटी गार्ड पर कार्रवाई की जायेगी.
उधर, एंबुलेंस चालकों द्वारा सिक्यूरिटी को धमकाने की भी सूचना आ रही है, जिसकी पुष्टि अस्पताल अधीक्षक डॉ सिन्हा ने भी की है. इस बाबत मगध मेडिकल थानाध्यक्ष ब्रज बिहारी पांडेय ने अनभिज्ञता जतायी है. उन्होंने कहा कि लिखित शिकायत आने पर कार्रवाई की जायेगी. गौरतलब है कि मगध मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल से गायब हो मरीजों की खोजबीन करना अस्पताल प्रशासन ने मुनासिब नहीं समझा. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि निजी अस्पताल व नर्सिग होम के दलालों का मगध मेडिकल कॉलेज में 24 घंटे जमावड़ा लगा रहता है. वह मरीजों व उनके परिजनों को समझा कर निजी अस्पताल में ले जाते हैं.