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निगम के पंप ऑपरेटरों की दक्षता की होगी जांच
रविवार की दोपहर मेयर वीरेंद्र कुमार व डिप्टी मेयर मोहन श्रीवास्तव ने विभिन्न जलापूर्ति केंद्रों का किया निरीक्षण गया : नगर निगम के जल पर्षद के अंतर्गत जलापूर्ति केंद्र को चलाने के लिए अस्थायी तौर पर 56 लोगों को बहाल किया गया है. शनिवार को हुई बोर्ड की बैठक में इनकी कार्यकुशलता पर सवाल खड़ा […]
रविवार की दोपहर मेयर वीरेंद्र कुमार व डिप्टी मेयर मोहन श्रीवास्तव ने विभिन्न जलापूर्ति केंद्रों का किया निरीक्षण
गया : नगर निगम के जल पर्षद के अंतर्गत जलापूर्ति केंद्र को चलाने के लिए अस्थायी तौर पर 56 लोगों को बहाल किया गया है. शनिवार को हुई बोर्ड की बैठक में इनकी कार्यकुशलता पर सवाल खड़ा किया गया.
वार्ड नंबर 40 की पार्षद चंदू देवी ने उपरडीह जलापूर्ति केंद्र पर तैनात ऑपरेटर का वेतन रोकने का मामला उठाते ही यह बात सामने आयी. पार्षद ने कहा कि अब तक काम कर रहे ऑपरेटर काे वेतन नहीं दिया गया है. इस मामले में डिप्टी मेयर मोहन श्रीवास्तव ने कहा कि बिना किसी आदेश के ही अकुशल पंप ऑपरेटरों की बहाली की गयी है. इनकी दक्षता की जांच के बाद ही कोई फैसला किया जायेगा. दक्षता जांच में जो खरा नहीं उतरेंगे उनकी छुट्टी तय है. इनके स्थान पर किसी कुशल व्यक्ति को रखा जायेगा. रविवार की दोपहर मेयर वीरेंद्र कुमार व डिप्टी मेयर मोहन श्रीवास्तव ने विभिन्न जलापूर्ति केंद्रों की जांच की. जांच के दौरान कई तरह के दिशा-निर्देश संबंधित अधिकारी को दिया है.
ऑपरेटरों का पद है खाली
जल पर्षद के अधीन शहर में चलने वाले 39 जलापूर्ति केंद्र को संचालित करने के लिए एक भी स्थायी ऑपरेटर नहीं है. इसमें दंडीबाग में पांच व पंचायती अखाड़े में तीन जलापूर्ति केंद्र से टंकी में पानी भर कर वहां से लोगों को वाटर सप्लाइ दी जाती है. बचे 31 जलापूर्ति केंद्रों से पाइप के माध्यम से डायरेक्ट लोगों को वाटर सप्लाइ दी जाती है. निगम में पंप ऑपरेटरों के छह पद नगरपालिका के समय से ही स्वीकृत हैं. इसके बाद इस पद पर बहाल लोग धीरे-धीरे कर सेवानिवृत्त हो गये हैं. तत्काल में एक भी ऑपरेटर कार्यरत नहीं है. निगम क्षेत्र में कई जलापूर्ति केंद्र नये चालू किये गये हैं. इसे चलाने के लिए अस्थायी तौर पर ऑपरेटर की बहाली की गयी. इस दौरान इनकी दक्षता जांच के जगह पर सिफारिश को महत्व दिया गया.
पूर्व मेयर ने किया विरोध
पूर्व मेयर सह वार्ड नौ के पार्षद सोनी कुमारी ने कहा कि पंप ऑपरेटरों के दक्षता की जांच करना कोई खराब बात नहीं है. इसके नाम पर अपना राजनीतिक कद को बढ़ाने की कोशिश करना गलत बात है. पानी पर किसी स्तर में राजनीति नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जांच के लिए किसी को टारगेट करना नहीं चाहिए. निगम का सबसे बड़ा कर्तव्य है कि लोगों को निर्बाध रूप से पानी मिलते रहे.
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