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बिहार में एक जून से हॉलमॉर्किंग के ही बिकेंगे गहने, शिकायत होने पर देना होगा इतना जुर्माना

अब सोने के गहने खरीदने वाले ठगी के शिकार नहीं हो सकेंगे. एक जून से देश में हॉलमाॅर्किंग वाले सोने के गहने ही ज्वेलर्स बेच सकेंगे. इसकी जानकारी भारतीय मानक ब्‍यूरो के क्षेत्रीय कार्यालय के प्रमुख एसके गुप्‍ता ने प्रभात खबर के साथ विशेष बातचीत में दी.

पटना (सुबोध कुमार नंदन). अब सोने के गहने खरीदने वाले ठगी के शिकार नहीं हो सकेंगे. एक जून से देश में हॉलमाॅर्किंग वाले सोने के गहने ही ज्वेलर्स बेच सकेंगे. इसकी जानकारी भारतीय मानक ब्‍यूरो के क्षेत्रीय कार्यालय के प्रमुख एसके गुप्‍ता ने प्रभात खबर के साथ विशेष बातचीत में दी.

उन्‍होंने बताया कि सोने के गहनों पर बीएसआइ की हॉलमाॅर्किंग 14, 18 व 22 कैरट शुद्धता के सोने के गहनों पर की जायेगी. हाॅलमार्किंग में चार चीजें शामिल होंगी, जिनमें बीआइएस का मार्क, शुद्धता जैसे 22 कैरट व 916, एसेसिंग सेंटर की पहचान, ज्‍वेलर्स की पहचान का चिह्न शामिल हैं.

गुप्‍ता ने बताया कि एक जून से बिना हॉलमार्क के सोने के गहने बेचने की शिकायत होने पर ज्‍वेलर्स को बीआइएस कानून के प्रावधानों के तहत एक लाख तक या गहने की कीमत के पांच गुना तक जुर्माना भरना पड़ सकता है. साथ ही एक साल जेल की सजा भी हो सकती है. जुर्माने या सजा का फैसला कोर्ट करेगी.

उन्‍होंने कहा कि बीआइएस हॉलमार्किंग की अनिवार्यता जनवरी में ही लागू होने वाली थी, जिसे कोरोना के कारण आगे बढ़ाकर एक जून, 2021 कर दिया गया. इससे ज्वेलर्स को तैयारी के लिए काफी समय मिल गया.

एसके गुप्‍ता ने बताया कि अनिवार्य हॉलमाॅर्किंग आम लोगों को कम कैरेट वाले गहने को खरीदने से बचने में मदद मिलेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि उपभोक्ता सोने के गहने खरीदते समय ठगे न जाएं और उन्हें अंकित शुद्धता के अनुसार ही गहने मिले. ज्‍वेलर्स के लिए बीआइएस के पास रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होगा.

फिलहाल राज्य के 1029 ज्‍वेलर्स के पास ही हॉलमार्क लाइसेंस

बीआइएस पहले ही अप्रैल, 2000 से सोने के आभूषणों के लिए एक हॉलमाॅर्किंग स्‍कीम चला रहा है. वर्तमान में राज्य में लगभग 10% सोने के गहनों की हॉलमाॅर्किंग की जा रही है. बीआइएस की ओर से अब तक सूबे में 1029 ज्‍वेलर्स रजिस्टर्ड किये गये हैं, जबकि राज्य में 10 हजार से अधिक छोटे-बड़े ज्‍वेलर्स हैं.

Posted by Ashish Jha

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