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मिथिला विश्वविद्यालय ने परीक्षा नियंत्रक को बनाया सीइटी बीएड का डिप्टी स्टेट नोडल ऑफिसर

बीएड के दो वर्षीय पाठ्यक्रम के स्टेट नोडल यूनिवर्सिटी (लनामिवि) ने सीइटी बीएड के आयोजन में गति देने के लिए शुक्रवार को डिप्टी स्टेट नोडल आफिसर प्रतिनियुक्त किया है.

दरभंगा. बीएड के दो वर्षीय पाठ्यक्रम के स्टेट नोडल यूनिवर्सिटी (लनामिवि) ने सीइटी बीएड के आयोजन में गति देने के लिए शुक्रवार को डिप्टी स्टेट नोडल आफिसर प्रतिनियुक्त किया है. साथ ही नवनियुक्त डिप्टी स्टेट नोडल आफिसर को सीइटी बीएड के लिए गठित कोर कमेटी में शामिल किया गया है. विवि ने कुलपति प्रो. संजय कुमार चौधरी के आदेश से परीक्षा नियंत्रक प्रो. विनोद कुमार ओझा को डिप्टी स्टेट नोडल आफिसर बनाया है. विवि द्वारा इससे संबंधित जारी अधिसूचना के अनुसार प्रो.ओझा दो वर्षीय बीएड में प्रवेश के लिए कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (सीइटी) के सुचारू संचालन के लिए गठित कोर कमेटी के सदस्य के रूप में कार्य करेंगे. परीक्षा के सुचारू संचालन के लिए स्टेट नोडल आफिसर प्रो. अशोक कुमार मेहता की अनुपस्थिति में सीइटी बीएड के उप राज्य नोडल अधिकारी के रूप में कार्य करेंगे. बताया जाता है कि अधिकृत रूप से विवि को इसकी जरूरत इसलिए हुई, क्योंकि स्टेट नोडल आफिसर प्रो.अशोक कुमार मेहता को मातृ शोक के कारण लंबी छुट्टी पर जाना पड़ा. उनकी अनुपस्थिति में सीइटी के आयोजन से संबंधित गोपनीय कार्य को आगे बढ़ने में कठिनाई हो रही थी. इसी को देखते हुए विवि ने वैकल्पिक व्यवस्था के तहत यह नियुक्ति की है. राज्य के 13 विश्वविद्यालयों के 343 बीएड कॉलेजों में 37400 सीटों पर नामांकन के लिए सीइटी का आयोजन किया जाना है. पूर्व के जारी शिड्यूल के अनुसार आनलाइन आवेदन बिना विलंब शुल्क के नौ अप्रैल से चार मई तक तथा विलंब शुल्क के साथ पांच से 11 मई तक लिया जाना था. अभ्यर्थी के ऑनलाइन आवेदन में त्रुटि सुधार पांच से 11 मई तक, एडमिट कार्ड 21 मई से डाउन लोड करना एवं परीक्षा का आयोजन 30 मई को होना था. लोकसभा चुनाव को लेकर आचार संहिता सहित सहित कई अन्य तकनीकी कारणों से तय शेड्यूल को स्थगित कर दिया गया. लगभग 25 दिन बीतने के बावजूद अब तक संशोधित शेड्यूल जारी नहीं किया जा सका है. छात्रों को नये सिड्युल का इंतजार है. परीक्षा के विलंब का मूल कारण तो वास्तविक रूप से कुछ और है, लेकिन बताया जाता है कि प्रदेश में चल रहे लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कुछ कॉलेजों को जिला प्रशासन ने अधिग्रहित कर रखा है. ऐसी स्थिति में एक ही तिथि को परीक्षा संभव नहीं है. जब तक उन स्कूलों व कॉलेजों को अधिग्रहण मुक्त नहीं कर दिया जाता तथा आचार संहिता से संबंधित अन्य तकनीकी व्यवधान दूर नहीं कर लिया जाता है, परीक्षा संभव नहीं है. संभावना है कि सीइटी बीएड के लिए आवेदन लेने की प्रक्रिया मई माह के प्रथम सप्ताह में शुरू की जा सकेगी. जिन विवि के बीएड कॉलेजों में नामांकन के लिए प्रवेश परीक्षा का आयोजन होना है, उसमें पटना विश्वविद्यालय, बीएनएमयू मधेपुरा, एलएनएमयू दरभंगा, एमएमएच विवि पटना, मुंगेर विवि, पाटलिपुत्र विवि, पटना, पूर्णिया विवि, टीएमबी विवि भागलपुर, वीकेएसयू आरा, बीआरए बिहार विश्वविद्यालय मुजफ्फरपुर, आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय पटना, जेपी विश्वविद्यालय छपरा और मगध विश्वविद्यालय गया के कॉलेज शामिल हैं.

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