दरभंगा. खाद्य पदार्थों के साथ-साथ महंगाई की मार भवन निर्माण सामग्री पर भी पड़ने लगी है. निर्माण सामग्री के दाम में भारी उछाल से भवन निर्माण पर प्रतिकूल प्रभाव दिख रहा है. सीमेंट, बालू, गिट्टी, छड़ सहित कई अन्य सामान की कीमतों में 20 से 30 प्रतिशत तक की वृद्धि की बात कही जा रही है. इससे काम में लगे ठेकेदारों, गृह निर्माण कराने वालों, पीएमएवाई-सीएमएवाई की राशि से छत का सपना देखने वालों के हौसले पस्त हो गये हैं. इसका असर भवन निर्माण कार्य में लगे मिस्त्री एवं श्रमिकों पर दिख रहा है. इन लोगों को काम की कमी का सामना करना पड़ रहा है. सीमेंट की बोरी पर जहां खुदरा में 10 से 15 रुपये तक की बढ़ोतरी दर्ज की गयी है, वहीं छड़ की कीमत में भी 30 प्रतिशत तक की वृद्धि है. मार्च से अप्रैल के बीच ब्रांडेड कंपनी का 340 से 360 रुपये में बिकने वाला सीमेंट का बोरा जून महीने में 375 से 400 रुपये प्रति बोरा बिक रहा है. लोकल कंपनी का सीमेंट पहले जहां 275 से 300 रुपये के बीच बिक रहा था, वर्तमान में 325 से 345 रुपये के बीच बिकता है. 5500 रुपये प्रति क्विंटल बिकने वाला लोकल कंपनी का छड़ 6300 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गया है. ब्रांडेड कंपनी का छड़ पहले जहां 7300 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा था, वर्तमान में 8300 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा है. 7000 रुपये प्रति 100 सीएफटी बिकने वाला बालू अभी 8500 रुपये प्रति 100 सीएफटी मिलता है. 11000 रुपये प्रति 100 सीएफटी बिकने वाला 5,8 गिट्टी अभी 12000 रुपये प्रति 100 सीएफटी बिक रहा है. ईंट पहले जहां 11000 से 11500 रुपये प्रति (1500 ईट) ट्रेलर बिक रहा था, वर्तमान में 13500 से 14000 रुपये मिल रहा है. राजेंद्र नगर मोहल्ले में भवन निर्माण करा रहे सेवानिवृत्त शिक्षक सुबोध चौधरी कहते हैं कि लिंटर तक निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया था. छत की ढलाई बाकी थी. अचानक भवन निर्माण सामग्री के दाम में उछाल आ जाने से काम को तत्काल रोक दिया हूं. कहा कि कुछ दिन इंतजार करने पर कहीं दाम कम हो जाये. अललपट्टी इंदिरा कॉलोनी में भवन निर्माण को अंतिम रूप दे रहे सेवानिवृत्त एचएम राम बुझावन यादव ने बताया कि अगले महीने के प्रथम सप्ताह में गृह प्रवेश की तैयारी कर रहे थे. दीवाल, छत के प्लास्टर तथा फर्श का काम चल रहा था. अचानक सामग्रियों की कीमत में बढ़ोतरी हो गयी है. अब बिना फिनिशिंग के ही गृह प्रवेश करना होगा. बिल्डर अशोक अग्रवाल ने बताया कि अगर बढ़ी हुई कीमत पर अंकुश नहीं लगी, तो बिल्डर फ्लैट की कीमत बढ़ाने को मजबूर हो जायेंगे. कई बिल्डरों ने निर्माण की गति कम कर दी है. इससे प्रोजेक्ट में देरी होगी. कानूनी लफरा बढ़ेगा. कहा कि स्टील की कीमत पर अंकुश लगनी चाहिए. कीमत स्थिर होने तक स्टील के निर्यात पर प्रतिबंध लगाना होगा. थोक निर्माण सामग्री कारोबारी गणेश महतो का कहना है कि सीमेंट पर 28 प्रतिशत जीएसटी तथा छड़ पर 18 प्रतिशत जीएसटी लागू है. जबकि यह दोनों उत्पाद विलासिता श्रेणी में नहीं है. इस पर जीएसटी कम होना चाहिए. बिल्डर सह थोक निर्माण सामग्री कारोबारी अनिल खेतान कहते हैं कि घाट बंदोबस्ती, पर्यावरण संबंधी नियम में सख्ती, ओवरलोडिंग पर अंकुश आदि से बालू व गिट्टी की कीमत बढ़ गयी है. सरिया तैयार करने के लिए जिन चीजों की जरूरत होती है, चीन से अभी कम आयत हो रहा है. ऐसे में सरिया की कीमत बढ़ गयी है.
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