11.3 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

शहर की ट्रैफिक में रोड़ा बना अतिक्रमण

समस्या. हटाने पर फिर सज जाती हैं दुकानें दरभंगा : शहरवासियों की सबसे बड़ी समस्या सड़क जाम की है. दस कदम चलने में ही यहां वाहन चालकों का पसीना छूट जाता है. वैसे तो इसके कई कारण हैं, लेकिन सबसे बड़ी वजह सड़कों का अतिक्रमण है. ये अतिक्रमणकारी सड़क को दोनों किनारों से अतिक्रमित रखे […]

समस्या. हटाने पर फिर सज जाती हैं दुकानें

दरभंगा : शहरवासियों की सबसे बड़ी समस्या सड़क जाम की है. दस कदम चलने में ही यहां वाहन चालकों का पसीना छूट जाता है. वैसे तो इसके कई कारण हैं, लेकिन सबसे बड़ी वजह सड़कों का अतिक्रमण है. ये अतिक्रमणकारी सड़क को दोनों किनारों से अतिक्रमित रखे हैं. इस वजह से सड़क संकरी हो गयी है. वाहनों के दबाव के अनुपात में सड़क चौरी नहीं रहने के कारण कदम-कदम पर जाम लगता है. आलम यह है कि महज छह किलोमीटर की दूरी तय करने में राहगीरों को डेढ़ घंटे तक लग जाते हैं. इसके खिलाफ प्रशासन की ओर से समय-समय पर अभियान चलाया जाता है, लेकिन अभियान समाप्त होने के साथ ही फिर से अतिक्रमणकारी काबिज हो जाते हैं. नतीजतन जाम से पूरा शहर हांफता ही रह जाता है.
अवैध पार्किंग से भी लगता है जाम
जाम की प्रमुख वजह में वाहनों की अवैध पार्किंग भी शामिल है. सड़क किनारे यूं ही गाड़ी खड़ी कर चालक निकल जाते हैं. इसका एक प्रमुख कारण बड़े-बड़े प्रतिष्ठानों में पार्किंग की व्यवस्था नहीं होना भी है. बेंता से आगे पेट्रौल पम्प के आसपास दर्जनों गाड़ियां सड़क किनारे खड़ी रहती है. वहीं दरभंगा टावर पर भी वाहनों की भीड़ से आधा से अधिक सड़क का हिस्सा बेकाम रहता है. प्रशासन की ओर से ट्रैफिक व्यवस्था को व्यवस्थित करने के लिए पहलकदमी हो रही है. लेकिन जबतक स्थायी रूप से अतिक्रमणमुक्त नहीं होगा, इस अभियान को पूरी सफलता नहीं मिल सकेगी.
हांफ रही यातायात व्यवस्था
कादिराबाद में सड़क किनारे सजीं दुकानें.
यहां लगता है जाम
वैसे तो पूरे शहर में जाम लगता है, लेकिन प्रमुख स्थलों में कादिराबाद, बेला मोड़, भंडार चौक, दरभंगा जंकशन, दोनार, अललपट्टी, बेंता, स्वीट होम चौक, लहेरियासराय टावर, लोहिया चौक, चट्टी चौक, नाका छह, नाका पांच , मिर्जापुर, आयकर चौराहा, हसनचक आदि इसमें शामिल हैं.
अभियान के बाद
सो जाती है पुलिस
जोर-शोर से अतिक्रमण मुक्ति अभियान चलाया जाता है. इस दौरान पूरी सख्ती के साथ अतिक्रमणकारियों को पुलिस हटा देती है. लेकिन अभियान समाप्त होने के बाद दुबारा उस स्थल पर अतिक्रमण न हो, इसके लिए कोई गंभीर नहीं रहता. लिहाजा एक से दो दिन के अंदर धीरे-धीरे फिर से अतिक्रमणकारी अपने पांव फैलाने लगते हैं. हद तो तब दिखती है, जब प्रशासनिक महकमा के आगे बढ़ने के साथ पीछे से सड़क पर बढ़ाकर रखे गये स्टॉल व शेड फिर से सजा दिये जाते हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें