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काली सूचीवाले भट्ठों से ईंट उत्पादन

दरभंगा : खनन विभाग कर्मियों एवं पदाधिकारियों की कमी से जूझ रहा है. सरकारी उदासीनता के कारण मात्र एक लिपिक एवं एक चतुर्थ वर्गीय कर्मी के सहारे विभाग चल रहा है. बावजूद विभाग का दावा है कि उसने लक्ष्य को पूरा किया. वहीं वित्त अंकेक्षक ने सरकार को रिपोर्ट भेजी है उसमें खनन विभाग को […]

दरभंगा : खनन विभाग कर्मियों एवं पदाधिकारियों की कमी से जूझ रहा है. सरकारी उदासीनता के कारण मात्र एक लिपिक एवं एक चतुर्थ वर्गीय कर्मी के सहारे विभाग चल रहा है. बावजूद विभाग का दावा है कि उसने लक्ष्य को पूरा किया. वहीं वित्त अंकेक्षक ने सरकार को रिपोर्ट भेजी है उसमें खनन विभाग को लक्ष्य से पीछे दिखाया गया है.

वर्ष 2014-15 में 267 ईंट भट्ठा मालिकों ने निबंधन कराया लेकिन एक ने भी टैक्स जमा नहीं किया. सभी पर नीलाम पत्र दायर कर प्राथमिकी दर्ज की है. इसमें से अबतक मात्र 13 भट्ठा मालिकों ने निबंधन शुल्क जमा किया. 47 भट्ठा मालिकों ने निबंधन शुल्क को स्टॉल के रूप में जमा करने का शपथ पत्र दिया, परंतु एक स्टॉल के बाद बांकी स्टॉल देना भूल गया. यही हाल 2015-16 का है. इसमें 260 भट्ठा मालिकों ने निबंधन कराया. इसमें 47 भट्ठा मालिकों ने समय से निबंधन शुल्क दिया. शेष 213 पर नीलाम पत्र दायर किया गया. संबंधित थाना में प्राथमिकी भी दर्ज हुई. विभागीय अधिकारी सिया शरण ठाकुर का कहना है

कि वर्ष 2013-14 में 18 लाख वसूली का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. इसमें 10 लाख रुपये की वसूली हुई. वर्ष 2015-16 में 17 लाख 76 हजर वसूली का लक्ष्य दिया गया था, जिसमें 20 लाख 53 हजार की वसूली की गयी. यह लक्ष्य से 15 प्रतिशत अधिक है. चालू वर्ष 2016-17 में 26 लाख 18 हजार का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

एक भट्ठा का निबंधन : अबतक मात्र मनीगाछी नेहरा से केडीएल भट्ठा मालिक सुशील कुमार चौधरी ने वर्ष 2016-17 के लिए निबंधन कराया है. जो मालिक भट्ठा फूंकने से पहले निबंधन कराते हैं उन्हें शुल्क में पांच प्रतिशत की छूट मिलती है.

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