25.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

रक्सौल खंड को रेल मंडल ने छोड़ा उपेक्षित

नहीं होता लंबी दूरी की ट्रेनों का परिचालन. समस्तीपुर रेल डिविजन को हो रही राजस्व की क्षति दरभंगा : दरभंगा से रक्सौल के बीच आमान परिवर्तन का कार्य पूरा होने के बाद ट्रेनों का परिचालन आरंभ हो गया. लेकिन आज तक लंबी दूरी की प्रमुख गाड़ियों का परिचालन इस मार्ग से नहीं हो रहा है. […]

नहीं होता लंबी दूरी की ट्रेनों का परिचालन. समस्तीपुर रेल डिविजन को हो रही राजस्व की क्षति

दरभंगा : दरभंगा से रक्सौल के बीच आमान परिवर्तन का कार्य पूरा होने के बाद ट्रेनों का परिचालन आरंभ हो गया. लेकिन आज तक लंबी दूरी की प्रमुख गाड़ियों का परिचालन इस मार्ग से नहीं हो रहा है. इससे जहां सीमावर्ती क्षेत्र के यात्रियों को इसका लाभ नहीं मिल रहा, वहीं समस्तीपुर रेल मंडल को राजस्व का चूना लग रहा है.
साथ ही परिचालन में अनावश्यक समय भी बर्बाद होता है. जाहिर तौर पर इसका खामियाजा रेल महकमा को भी भुगतना पड़ रहा है.
महज 38 किमी डिविजन में परिचालन . दरभंगा से खासकर दिल्ली की ओर जानेवाली ट्रेनों का परिचालन वाया समस्तीपुर किये जाने से समस्तीपुर रेल मंडल को सबसे अधिक राजस्व की क्षति होती है. दरभंगा से समस्तीपुर महज 38 किलोमीटर ही समस्तीपुर रेल मंडल में ट्रेन चलती है. इसके बाद सोनपुर डिविजन में गाड़ी का प्रवेश हो जाता है. जाहिर तौर पर उसकी आय भी दूसरे डिविजन को ही होती है. समस्तीपुर इससे वंचित रह जाता है.
वक्त होता बर्बाद
समस्तीपुर होकर ट्रेनों के परिचालन होने से आधा घंटा का वक्त सीधे-सीधे बर्बाद होता है. बता दें कि दिल्ली की ओर जानेवाली ट्रेन का इंजन समस्तीपुर में बदलना पड़ता है. इसको लेकर आधा घंटा का अतिरिक्त ठहराव दिया जाता है. इससे लोगों का वक्त बर्बाद होता है. साथ ही इंधन की भी क्षति होती है.
वैसे दूरी के नजरिये से भी रक्सौल रूट से दिल्ली नजदीक है. हालांकि ट्रेनों के गंतव्य तक पहुंचने को लेकर समय के नजरिये से कई कारण हो सकते हैं. इसमें रूट के साथ ही ट्रेनों की प्रति घंटा रफ्तार तथा परिचालन को लेकर विभाग की गंभीरता प्रमुख है. बता दें कि वाया रक्सौल दिल्ली की दूरी जहां 1091 किलोमीटर है वहीं जिस रूट से संपर्क क्रांति जाती है, उसकी दूरी 1165 किमी, स्वतंत्रता सेनानी की 1169 किमी तथा शहीद की 1102 किमी दूरी तय करनी होती है.
सीमावर्ती क्षेत्र को लाभ
रक्सौल होकर ट्रेनों का परिचालन होने से नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्र के यात्रियों को विशेष लाभ होगा. कारण इस रूट से फिलहाल दरभंगा से होकर एक भी सुपरफास्ट ट्रेन नहीं चल रही. आलम यह है कि स्पेशल ट्रेनों का परिचालन भी इससे होकर नहीं किया जाता है. यहां स्पष्ट कर दें कि अगर इस रूट से ट्रेन चले तो उत्तरप्रदेश की सीमा पनियहबा तक समस्तीपुर रेल मंडल कवर होगा. यात्रियों को जहां लाभ मिलेगा, वहीं आय समस्तीपुर डिविजन के खाते में जायेगी.
इंस्पेक्शन का इंतजार
रक्सौल से नरकटियागंज के बीच आमान परिवर्तन का कार्य पूरा कर लिया गया है. एक महीना पहले इसका ट्रायल भी पूरा हो गया. मालगाड़ी का आवागमन आरंभ हो गया. अब मुख्य संरक्षा आयुक्त के निरीक्षण को लेकर परिचालन अटका पड़ा है. हालांकि सूत्र बताते हैं कि इस मार्ग पर सिग्नल तथा जगह-जगह प्लेटफार्म का कार्य लंबित होने की वजह से परिचालन बहाल नहीं किया गया है.
रास्ता होगा साफ
नरकटियागंज खंड पर परिचालन शुरू होने से चार साल पूर्व वर्ष 2012 में रेल बजट में घोषित अजमेरशरीफ एक्सप्रेस ट्रेन के परिचालन का रास्ता भी साफ हो जायेगा. ज्ञातव्य हो कि बजट के प्रावधान के मुताबिक रक्सौल से नरकटियागंज होते हुए यह ट्रेन अजमेर जायेगी. यहां बता दें कि दरभंगा जंकशन पर सामान्य रूप से नित्य औसतन 35 हजार यात्री सफर करते हैं.
भगवानपुर स्टेशन पर रुकेगी पवन एक्सप्रेस

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें