दरभंगा : वार्ड नंबर 16 मेयर गौड़ी पासवान का वार्ड है. वार्ड के लोगों की निगम से अपेक्षा भी काफी है. होनी भी चाहिए. लेकिन यहां के जो हालात हैं वह बता रहे हैं कि हालात निगम क्षेत्र के अन्य वार्डों से कोई ज्यादा भिन्न नहीं है. यहां भी वही समस्या सामने है जिससे अन्य वार्ड भी जूझता आ रहा है.
नाले की साफ-सफाई में कमी हो या जलजमाव. मुहल्ले में रोशनी की कमजोर उपस्थिति का मामला हो या पेयजल आपूर्ति की लचर स्थिति. यह वार्ड कहीं से नहीं लगता कि वीआइपी मुहल्ला में इसका नाम सुमार है. वार्ड में कुल मतदाताओं की संख्या करीब 54 सौ है. गैस गोदाम से दक्षिण, रेलवे कॉलोनी, जेपी चौक, को-ऑपरेटिव कॉलोनी, कटरहिया मुहल्ले का कुछ भाग तथा धर्मपुर इंडस्ट्रीयल स्टेट तक इस वार्ड का फैलाव है.
इस वार्ड के लगभग हर मुहल्ले में डोर-टू-डोर कचरे का उठाव नियमित रूप से होता है. जबकि कुछ इलाके में दो से तीन दिन पर कचड़ा के उठाव की बात सामने आयी है. पेयजल की समस्या से लोग दो-चार हो रहे हैं. सार्वजनिक स्थानों पर चापाकलों की व्यवस्था नाम मात्र की है. हर घर नल की दिशा में इस वार्ड में सक्रियता नजर नहीं आती.
चाैक-चौराहों पर रोशनी की व्यवस्था नहीं: चौक-चौराहों पर रोशनी की व्यवस्था नहीं होने के कारण शाम होते ही पूरा इलाका अंधकार में खो जाता है. यही कारण है कि चोरी की छोटी मोटी घटनाएं इस इलाके में आये दिन होती रहती है. जलजमाव इस मुहल्ले का सबसे बड़ा दर्द है. हल्की बारिश होने पर कटरहिया जाने वाली सड़क झील में तब्दील हो जाती है. जबतक जलभराव रहता है, लोगों का घर से निकलना मुशिकल होता है.
सड़कों की उंचाई लगातार बढ़ने के कारण आसपास का मकान नीचे आ गया है. यही कारण है कि बारिश होते ही सड़क का पानी भी घरों में घुस जाता है. सड़कों के किनारे बनाया गया नाला जलनिकासी में सक्षम नहीं है. कुछ तो अभियंताओं की अदूरदर्शिता के कारण तो कुछ स्थानीय लोगों द्वारा नाला को कूड़ा स्थल बना दिये जाने के कारण यह स्थिति है. नाला में कूड़ा डालने का अवसर भी निगम खुद उपलब्ध करा रहा है.
नालों के उपर स्लेब नहीं डाले जाने के कारण लोग खुले नाले का कचड़ा निष्पादन स्थल के रूप में उपयोग कर लेते हैं. कई जगहों पर जरूरत के बावजूद डस्टवीन की व्यवस्था नहीं होने से कचड़ा जहां तहां बिखड़ा रहता है. सड़कों एवं नालों पर अतिक्रमण इस वार्ड में भी है. घर बनाने के क्रम में कई लोगों ने नाला तक पर ढ़लाई कर ली है. इस कारण जलनिकासी समस्या बन जाती है.\
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सड़क व नाला निर्माण में ताल मेल नहीं रहनेकारण नाले का पानी सड़क पर बहता रहता है. निगम कर्मी वार्ड में काम करता है या नहीं इसे देखना जरूरी नहीं समझा जाता. सड़कों पर नियमित झाड़ू नहीं लगाये जाने से गंदगी रहती है.
पवन कुमार
नाले की कभी कभार साफ सफाई की जाती है, लेकिन खानापूरी के रुप में ही. कचरा उठाव के लिए रोज कर्मी आते हैं. पेयजल वलाइट की स्थिति ठीक नहीं है. नाला किनारे तथा गंदे स्थानों पर चूना आदि का छिड़काव नहीं किया जाता है.
जीवछ नायक
साफ सफाई की बेहतर व्यवस्था है. पेयजल के साथ सड़क नालों की स्थिति भी अच्छी हुई है. जनसंख्या के हिसाब से सफाईकर्मी की कमी है. इसका असर व्यवस्था पर पड़ रहा है. गैस गोदाम-सिनहाराघाट नाला निर्माण के बाद जल जमाव की समस्या समाप्त हो जायेगी.
मेयर गौड़ी पासवान
डोर-टू-डोर कचरा उठाव के लिए तीन-चार दिन पर कर्मचारी आता है. कचरा डालने के लिए डस्टवीन नहीं होने के कारण चौराहे या तिराहे पर कचरा लोग फेंक जाते हैं. इस कारण बदबू फैला रहता है. मेयर अपने मोहल्ले की सफाई को ही पूरे मोहल्ले की सफाई मान बैठे हैं.
दिलीप कुमार
कचरा उठाव की व्यवस्था ठीक नहीं है. पेयजल एवं लाइट की व्यवस्था भी जरूरत के हिसाब से नहीं है. गलत तरीके से नाले का निर्माण किये जाने के कारण जल निकासी एक समस्या बन गयी है. नाले की सफाई कभी कभार की जाती है. नाले से प्लास्टिक निकाल कर अन्य कचरों को वैसे ही छोड़ दिया जाता है.
मोहन जी झा
तीन दिन से डोर-टू-डोर कचरा उठाने वाला कर्मी नहीं आया है. बिजली के पोलों पर लाइट की व्यवस्था नहीं होने से शाम ढलते ही सड़क पर निकलने में डर लगता है. नाले की उड़ाही नहीं किये जाने के कारण थोड़ी सी बारिश में ही नाले का पानी सड़क पर फैल जाता है.
अरविंद कुमार वर्मा