दरभंगा : शातिर मुकेश पाठक की गिरफ्तारी के बाद उससे पूछताछ के बाद छापामारी चल रही है. बहेड़ी के शिवराम में दो इंजीनियरों की हत्या मामले में शामिल हर एक शख्स को पुलिस अपने शिकंजे में लेने की कोशिश कर रही है. इसी क्रम में मुजफ्फरपुर में मुकेश के फुफेरे भाई की गिरफ्तारी की गयी. […]
दरभंगा : शातिर मुकेश पाठक की गिरफ्तारी के बाद उससे पूछताछ के बाद छापामारी चल रही है. बहेड़ी के शिवराम में दो इंजीनियरों की हत्या मामले में शामिल हर एक शख्स को पुलिस अपने शिकंजे में लेने की कोशिश कर रही है. इसी क्रम में मुजफ्फरपुर में मुकेश के फुफेरे भाई की गिरफ्तारी की गयी. गिरफ्तार अजय कुमार पांडेय फरारी के दौरान मुकेश पाठक को पे टीएम से रुपये भेजा करता था.
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मुकेश पाठक के कई और गुर्गे हैं जो उसे इस काम में मदद करते थे. संतोष झा गिरोह में शामिल तमाम अपराधियों को शिकंजे में लेने के लिये तीन दिनों के रिमांड पर लेकर मुकेश पाठक से पूछताछ की जा रही है. पूछताछ के दौरान काफी गोपनीयता बरती जा रही है. जिससे मुकेश के गुर्गे को गिरफ्तार करने में कोई दिक्कत नहीं हो. बुधवार को बहेड़ी थाना पर पटना से आयी एसआइटी व एसटीएफ की टीम के द्वारा जब पूछताछ की जा रही थी
तो उस समय बहेड़ी थाना के एक भी पदाधिकारी एवं कर्मी को वहां पर मौजूद नहीं रहने दिया गया. यहां तक कि थानाध्यक्ष भी पूछताछ के दौरान बाहर रहे. सिर्फ बेनीपुर डीएसपी अंजनी कुमार ही पूछताछ करने वाली टीम में शामिल थे.
गिरफ्तार अजय पांडेय है शार्प शूटर : पुलिस सूत्रों की मानें तो मुजफ्फरपुर से गिरफ्तार मुकेश पाठक के फुफेरे भाई अजय पांडेय शॉर्प शूटर है. वह संतोष झा गिरोह के लिये ही काम करता है. एसटीएफ की टीम उसे गिरफ्तार करने के बाद सीधे पटना ले गयी. माना जा रहा था कि उसे दरभंगा लाया जायेगा. हालांकि बुधवार की शाम तक उसे यहां नहीं लाया गया. पुलिस सूत्रों की मानें तो इंजीनियर हत्याकांड में भी उसकी संलिप्तता थी.
यही वजह था कि वह इस कांड मेें नाम नहीं आने के बाद वह आराम से रह रहा था. वह फरारी के दौरान मुकेश को पे टीएम से रुपये भेजने का काम करता था. सूत्र बताते है कि मुकेश से बरामद मोबाइल के कॉल डिटेल से ढेर सारी सूचनाएं पुलिस को मिली है. उसके कॉल डिटेल के आधार पर पुलिस अन्य अपराधियों को भी अपने शिकंजे में लेने की कोशिश कर रही है.
हत्या के पहले आया था दरभंगा
पुलिस सूत्रों की मानें तो डबल इंजीनियर हत्याकांड को अंजाम देने से पूर्व मुकेश पाठक कई दिनों तक दरभंगा के लहेरियासराय में रुका था.यहां रहकर ही उसने पूरी प्लानिंग की थी. पुलिसिया पूछताछ में इस बात को उसने स्वीकार भी किया है. हालांकि पुलिस पदाधिकारी इस संबंध में कुछ भी बताने से इनकार करते हैं.
मुजफ्फरपुर में ही चल रही पूछताछ
फरारी के दौरान मुकेश को उपलब्ध कराता था रुपये