दरभंगा : दहेज के लिए कोई किस स्तर तक नीचे गिर सकता है, इसकी कल्पना नहीं की जा सकती. कोई इसके लिए बहू को जिंदा जला देता है तो कोई दूसरी शादी रचा लेता है. लेकिन बीती रात एक ऐसी घटना हुई जिसने शादी के लिए सज-धज कर तैयार दुल्हन को अपनी किस्मत पर रोने […]
दरभंगा : दहेज के लिए कोई किस स्तर तक नीचे गिर सकता है, इसकी कल्पना नहीं की जा सकती. कोई इसके लिए बहू को जिंदा जला देता है तो कोई दूसरी शादी रचा लेता है. लेकिन बीती रात एक ऐसी घटना हुई जिसने शादी के लिए सज-धज कर तैयार दुल्हन को अपनी किस्मत पर रोने के लिए छोड़ दिया.
सारी तैयारी हो चुकने के बाद अंतिम समय में लड़के वालों ने शादी से इनकार कर दिया. बारात नहीं आयी. शुभ लगन की गूंज रही शहनाई से मानो मातमी धुन उठने लगी. यह घटना शहर के ही कादिराबाद मोहल्ले की है. लड़की पक्ष वालों ने अपनी बेटी की शादी बेगूसराय जिला के सिहमा गांव निवासी रामविलास चौधरी के पुत्र राकेश कुमार से तय की.
बताया जाता है कि लेन देन की जो बात तय हुई, वधू पक्ष ने उसे पूरा कर दिया. 4 मई को बारात आनी थी. दुल्हन का घर उसके ही तरह सज-धज कर तैयार था. मोहल्लेवासी भी उत्साह के साथ बारात के स्वागत की प्रतीक्षा में थे. जाहिर है भोजन व विदाई का सारा प्रबंध हो चुका था. अब बरात आयी-तब बरात आयी की चर्चा हो ही रही थी कि वर पक्ष से वधू पक्ष के घर फोन आया. पीड़ित के अनुसार लड़के के भाई ने मोबाइल पर कहा कि एक लाख रुपये और देने होंगे. नहीं तो बारात यहां से नहीं निकलेगी. लड़की के परिजनों ने काफी आरजू मिन्नत की पर दहेज के लोभियों का दिल नहीं पसीजा. बरात नहीं आयी. खुशी के सागर में गोते लगा रहा परिवार गम की चादर में डूब गया.
फिर सामने आया दहेज लोभी का काला चेहरा
अंतिम समय में लड़के के भाई की डिमांड, अौर नहीं आयी बरात
बेगूसराय के सिहमा गांव से कादिराबाद मोहल्ला से आनी थी बरात