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आम के लिए व्यावसायिक खास के लिए बना खरबन
दरभंगा : सदर प्रखंड के अंचल मौजा चक्का गांव की कृषि योग्य जमीन को आमजन के लिए व्यावसायिक व खास के लिए खरबन (खरहौर) बताकर सीओ ने लाखों रुपये सरकारी राजस्व की क्षति पहुंचायी है. अंचल कार्यालय से जमीन संबंधी जो रिपोर्ट भेजी जाती है, उसे ही मानक मानकर निबंधन दर निर्धारित किया जाता है. […]
दरभंगा : सदर प्रखंड के अंचल मौजा चक्का गांव की कृषि योग्य जमीन को आमजन के लिए व्यावसायिक व खास के लिए खरबन (खरहौर) बताकर सीओ ने लाखों रुपये सरकारी राजस्व की क्षति पहुंचायी है.
अंचल कार्यालय से जमीन संबंधी जो रिपोर्ट भेजी जाती है, उसे ही मानक मानकर निबंधन दर निर्धारित किया जाता है. वर्षों से चल रहे इस गोरखधंधा में एक तरफ जहां प्रतिमाह लाखों रुपये सरकारी राजस्व की क्षति हो रही है, वहीं इस अंचल में इससे जुड़े अधिकारी से लेकर कर्मी तक मालामाल हो रहे हैं.
एक फरवरी से दर लागू
जानकारी के अनुसार राजस्व बढ़ाने के लिए जमीन की खरीद-फरोख्त एवं उसके निबंधन के लिए शहरी क्षेत्र के बाहर करीब 10 किलोमीटर के क्षेत्र को विकासशील (पेरीफेरियल) क्षेत्र घोषित किया गया है. इस विकासशील क्षेत्र की जमीन को चार श्रेणी में बांटकर जमीन की कीमत प्रति डिसमिल निर्धारित किया गया है.
वित्तीय वर्ष 2015-16 में विकासशील क्षेत्र के व्यावसायिक जमीन का दर एक लाख रुपये प्रति डिसमिल, आवासीय की कीमत 50 हजार रुपये प्रति डिसमिल, विकासशील की कीमत 20 हजार रुपये प्रति डिसमिल तथा कृषि योग्य जमीन की कीमत 11 हजार रुपये प्रति डिसमिल था. गत जनवरी माह में जिला निबंधक सह डीएम के निर्देश पर नये सिरे से विकासशील एवं शहरी क्षेत्र की जमीन का निर्धारण कर उसे व्यावसायिक को दो लाख, आवासीय 80 हजार, विकासशील 50 हजार व कृषि योग्य को 20 हजार रुपये प्रति डिसमिल निर्धारित कर गत एक फरवरी से उसे लागू कर दिया गया.
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