दरभंगा : दरभंगा के यात्रियों को सवारी गाड़ियोंकी कमी से हो रही परेशानी बदस्तूर जारी है. सर्वाधिक राजस्व देकर अव्वल दर्जा प्राप्त करने के बाद भी महकमा यहां के यात्रियों को सुविधा मुहैया नहीं करवा पा रहा. कमाई दरभंगा के लोग देते हैं, लाभ दूसरे जगहों के यात्रियों को दिया जा रहा है.
‘माल महाराज का, मिर्जा खेले होली’ कहावत यहां के लोगों पर रेलवे पूरी तरह चरितार्थ कर रहा है. लंबी दूरी की ट्रेनों का विस्तार कर उसे अन्यत्र भेज रहा है. बदले में नई ट्रेन नहीं दे रहा है. एक्सप्रेस गाड़ियोंकी तो बात दूर, पैसेंजर ट्रेन की सुविधा भी उपलब्ध कराने में विभाग पूरी तरह फेल दिख रहा है. परेशानी यात्रियों को भुगतनी पड़ रही है.
दोपहर में नहीं मिलती ट्रेन
दरभंगा जंकशन से समस्तीपुर, सीतामढ़ी, जयनगर तथा बिरौल के लिए सीधी ट्रेन सेवा उपलब्ध है. इसमें सीतामढ़ी को छोड़ किसी भी रूट के लिए दोपहर में सवारी गाड़ी नहीं है. समस्तीपुर के लिए सुबह सवा दस के बाद शाम में करीब चार बजे, जयनगर के लिए साढ़े दस के बाद पौने चार बजे, बिरौल के लिए सुबह आठ बजे के बाद शाम करीब 3 बजे ट्रेन मिलती है. सीतामढ़ी के लिए भी साढ़े ग्यारह बजे के बाद सीधे शाम साढ़े छह बजे पैसेंजर ट्रेन चलायी जाती है. लिहाजा यात्री घंटों गाड़ी की प्रतीक्षा में बैठे रहते हैं.
डीएमयू का लाभ नहीं
रेलवे ने इस रूट में डीएमयू सेवा शुरू की. यात्रियों को लगा कि पुरानी सवारी गाड़ियोंके अतिरिक्त यह डीएमयू मिलेगी. हुआ उल्टा. पैसेंजर ट्रेन के समय में ही डीएमयू चलायी जाने लगी. तात्पर्य सवारी गाड़ियोंकी संख्या में कोई वृद्धि नहीं हुई. उल्टे कम बोगियों की वजह से यात्रियों की समस्या बड़ी हो गयी.