मनीगाछी (दरभंगा) : थाना क्षेत्र के बाजितपुर ओपी पर अपने भाई तरियांती निवासी मो वकील के हत्यारों को गिरफ्तार करने का आग्रह करने पहुंची महिला को ओपी अध्यक्ष ने मारपीट कर भगा दिया. इससे ग्रामीणों का गुस्सा भड़क गया. ओपी पर सैंकड़ों की संख्या में जुटे ग्रामीणों ने जमकर बबाल किया.
उग्र भीड़ के तेवर देख ओपी अध्यक्ष थाना भवन के ऊपरी मंजिल के कमरे में छिप गये. अन्य पुलिस कर्मियों ने भी छिपकर जान बचायी. जवाब में पुलिस ने कई राउंड हवाई फायरिंग की. घटना की सूचना पर कई थानों की पुलिस को मौके पर भेजा गया. बाद में प्रभारी एसएसपी सह सिटी एसपी हरकिशोर राय वहां पहुंचे और स्थिति को काबू में किया.
दरभंगा में थाने
इस बीच ग्रामीणों ने थाने मेंं घुसकर तोड़फोड़ की. पुलिस बल पर जमकर रोड़े बरसाये. इसमें कई पुलिस कर्मी चोटिल हो गये. घटना के बाद सिटी एसपी ने बाजितपुर ओपी अध्यक्ष को निलंबित कर दिया है.
जानकारी के मुताबिक, शनिवार सुबह मृतक की बहन भुल्ली ओपी पर पहुंची. ओपी अध्यक्ष विनोद कुमार से हत्यारोपितों की गिरफ्तारी नहीं करने व एक आरोपित को छोड़ देने की शिकायत की. इसी पर बात बिगड़ गयी. थानाध्यक्ष ने महिला की पिटायी कर दी और वहां से भगा दिया. जैसे ही यह खबर गांव पहुंची, ग्रामीण उबल पड़े.
पहले से ही ओपी अध्यक्ष की कार्य प्रणाली से नाराज लोगों ओपी पर धावा बोल दिया. रोड़े बरसाने शुरू कर दिये. टेबुल-कुर्सियां आदि को तोड़ डाला. भीड़ के उग्र तेवर को देख पुलिस के साथ अध्यक्ष भवन के ऊपरी मंजिल पर बने कमरे में छिप गये. इसके बाद कई राउंड हवाई फायरिंग की. हालांकि सिटी एसपी ने तीन राउंड फायरिंग होने की पुष्टि की है.
डीएसपी को घेरा
इधर घटना की सूचना बेनीपुर डीएसपी अंजनी कुमार को दी गयी. उन्होंने मनीगाछी, नेहरा ओपी व अलीनगर थाना को दल-बल के साथ भेजा. खुद भी पहुंचे. भीड़ ने डीएसपी को भी घेर लिया. पुलिस पर भी रोड़ेबाजी शुरू कर दी. इसमें कई पुलिस कर्मी चोटिल हो गये. बाद में खुद प्रभारी एसएसपी पहुंचे. दोषी ओपी अध्यक्ष को निलंबित करने की बात कह लोगों को शांत किया.
घंटों ओपी परिसर रणक्षेत्र में तब्दील रहा. बाद में एसएसपी मृतक के घर भी गये. मृतक की पत्नी से मिलकर दोषी पर कार्रवाई का आश्वासन दिया.
क्या है मामला
बता दें कि 20 जनवरी की रात तरियाति गांव के मो वकील की हत्या कर शव उसके घर के पास फेंक दिया गया था. मामले में प्राथमिकी भी दर्ज हुई. पुलिस ने तत्काल एक व्यक्ति को गिरफ्तार भी किया. लेकिन बाद में नाम गलत होने की बात कहकर उसे छोड़ दिया गया.